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________________ 58. माता-पिता न सुख देते हैं, न दुःख देते हैं। इसलिए आज से यह मत कहना कि पिताजी ने कुछ नहीं दिया। 59. प्रद्युम्न कुमार (पूर्व पर्याय में मधु) का दैत्य ने हरण तो कर लिया पर चट्टान के नीचे दबाकर भी मार नहीं सका । क्योंकि चरम शरीरी, कामदेव, पुण्यात्मा के ऊपर किसी का वार नहीं चलता, उसका कोई बाल वाँका भी नहीं कर सकता। 60. कबूतर-कबूतरी को अलग-अलग करने से सीता को भी पति का वियोग सहन करना पड़ा था।- पद्म पुराण । . 61. अपने घर में पानी में डुबोकर रोटी खा लेना परन्तु लम्बे समय तक ससुराल के रसगुल्ले नहीं खाना। 62. गरीब के यहाँ पैसा आ जाए तो यह कोई नहीं कहेगा कि पुण्य आ गया है, यही कहेंगे कि कहीं डाँका डाला होगा। 63. शेर से मत डरना, मच्छरो से मत डरना, परन्तु चुगली करने वालो से बहुत डरना। 64. एक वे आचार्य भगवन्त हैं, जो कह रहे हैं कि वर्णों से, अक्षरों से शब्द बने हैं, शब्दों से वाक्य बने हैं, वाक्यों से अध्याय बने है और अध्यायों से ग्रन्थ बने हैं, मैंने क्या किया। 65. भैया! हम निमित्त तो बन सकते हैं, परन्तु किसी के उपादान को नहीं बदल सकते । आँखों के चश्में उन्हीं के लिए कार्यकारी है, जिनकी आँखों में ज्योति है। यदि ज्योति नहीं हैं तो चश्मा कुछ भी नहीं कर सकता। 66. कोई व्यक्ति अच्छा-बुरा नहीं है। जिससे तुम्हारे स्वार्थ की सिद्धि हो रही है, वह आपको अच्छा दिखाई देता है और जिससे स्वार्थ की सिद्धि नहीं हो रही है वह बुरा दिखाई देता है। 67. जगत में जितने भी शत्रु हुए हैं, बाहर एक भी शत्रु का जन्म नहीं हुआ। लोक में जितने भी महापुरूष हुए हैं, उन पर घर-घर के लोगों ने ही उपसर्ग किया है। चाहे वे पार्श्वनाथ, सुकुमाल, सुकौशल मुनिराज हों अथवा पाण्डव, गजकुमार मुनिराज हों-पुराण साक्षी हैं। 68. जो साम्यभावी होगा, उसके साथ सब रह लेंगे। जिसका स्वभाव साम्य नहीं है, उसके अपने ही दूर भाग जायेंगे | बहुत अच्छी बात सीख कर चलना कि किसी को अपना बनाने का प्रयास मत करना अपने आपको साम्य बनाने का प्रयास करना। (128) -स्वरूप देशना विमर्श Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004155
Book TitleSwarup Deshna Vimarsh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishuddhsagar
PublisherAkhil Bharatiya Shraman Sanskruti Seva samiti
Publication Year
Total Pages264
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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