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________________ आगम (४५) अनुयोगद्वार”- चूलिकासूत्र-२ (मूलं+वृत्ति:) ........... मूलं [१०२] / गाथा ||११|| मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित...........आगमसूत्र - [४५], चूलिकासूत्र - [२] "अनुयोगद्वार" मूलं एवं हेमचन्द्रसूरि-रचिता वृत्ति: प्रत सूत्रांक [१०२]] गाथा ||१|| से किं तं संगहस्स अणोवणिहिआ खेत्ताणुपुब्बी ?, २पंचविहा पण्णत्ता, तंजहाअट्ठपयपरूवणया भंगसमुक्त्तिणया भंगोवदंसणया समोआरे अणुगमे, से किं तं संगहस्स अटुपयपरूवणया?, २ तिपएसोगाढे आणुपुव्वी चउप्पएसोगाढे आणुपुव्वी जाव दसपएसोगाढे आणुपुव्वी संखिजपएसोगाढे आणुपुवी असंखिजपएसोगाढे आणुपुवी एगपएसोगाढे अणाणुपुब्बी दुपएसोगाढे अवत्तव्वए, से तं संगहस्स अट्रपयपरूवणया । एआए णं संगहस्स अट्टपयपरूवणयाए किं पओअणं?, संगहस्स अटुपयपरूवणयाए संगहस्स भंगसमुकित्तणया कज्जइ, से किं तं संगहस्स भंगसमुकित्तणया ?, २ अस्थि आणुपुब्वी अस्थि अणाणुपुव्वी अस्थि अवत्तव्बए, अहवा अस्थि आणुपुवी अ अणाणुपुवी अ एवं जहा दवाणुपुबीए संगहस्स तहा भाणिअव्वं जाव से तं संगहस्स भंगसमुकित्तणया । एआए णं संगहस्स भंगसमुकित्तणयाए किं पओअणं ?, एआए णं संगहस्स भंगसमुक्तित्तणयाए संगहस्स भंगो दीप अनुक्रम [११७ -११९] ~ 176~
SR No.004147
Book TitleAagam 45 ANUYOGDWAR Moolam evam Vrutti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2015
Total Pages547
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_anuyogdwar
File Size124 MB
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