SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 119
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आगम (४५) अनुयोगद्वार”- चूलिकासूत्र-२ (मूलं+वृत्ति:) .................. मूलं [७८] / गाथा ||७...|| ................. मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित.........आगमसूत्र - [४५], चूलिकासूत्र - [२] "अनुयोगद्वार" मूलं एवं हेमचन्द्रसूरि-रचिता वृत्ति: प्रत सूत्रांक 44-45645+% [७८ माणुपोग्गले अ दुपएसिए अ आणुपुव्वी अ अणाणुपुवी अ अवत्तव्वए अ १ अहवा तिपएसिए अ परमाणुपोग्गले अ दुपएसिआ य आणुपुवी अ अणाणुपुब्वी अ अवत्तव्वयाई च २ अहवा तिपएसिए अ परमाणुपुग्गला अ दुपएसिए य आणुपुवी अ अणाणुपुवीओ अ अवत्तव्वए अ ३ अहवा तिपएसिए अ परमाणुपोग्गला य दुपएसिया अ आणुपुव्वी अ अणाणुपुव्वीओ अ अवत्तव्वयाई च ४ अहवा तिपएसिआ य परमाणुपोग्गले अ दुपएसिए य आणुपुव्वीओ अ अणाणुपुत्वी अ अवत्तव्वए अ ५ अहवा तिपएसिआ य परमाणुपोग्गले अ दुपएसिआ य आणुपुठवीओ अ अणाणुपुब्बी अ अवत्तव्वयाई च ६ अहवा तिपएसिआ य परमाणुपोग्गला य दुपएसिए अ आणुपुवीओ अ अणाणुपुव्वीओ य अवत्तव्वए य ७ अहवा तिपएसिआ य परमाणुपोग्गला अ दुपएसिआ य आणुपुत्वीओ अ अणाणुपुव्वीओ अ अवत्तव्वयाइं च ८ । से तं नेगमववहाराणं भंगोवर्दसणया (सू०७८) दीप अनुक्रम [८८] ~118~
SR No.004147
Book TitleAagam 45 ANUYOGDWAR Moolam evam Vrutti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2015
Total Pages547
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_anuyogdwar
File Size124 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy