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[४५] अनुयोगद्वार (चूलिका)सूत्रम्
नमो नमो निम्मलदंसणस्स पूज्य श्रीआनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः ।
"अनुयोगद्वार" मूलं एवं वृत्ति: [मूलं + मलधारगच्छीय-हेमचन्द्रसूरि-रचिता वृत्तिः]
[आदय संपादकः - पूज्य आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी म. सा. 11
(किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह) पुन: संकलनकर्ता- मुनि दीपरत्नसागर (M.Com., M.Ed., Ph.D.)
23/04/2015, गुरुवार, २०७१ वैशाख सुद ५
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मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित...आगमसूत्र-[४५), चूलिका सूत्र-२] “अनुयोगद्वार" मूल एवं हेमचन्द्रसूरि-रचिता वृत्ति: