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[४१/१] श्रीओघनिर्युक्तिः (मूल) सूत्रम्
नमो नमो निम्मलदंसणस्स
पूज्य श्रीआनंद-क्षमा-ललित- सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः
“ओघनिर्युक्ति” मूलं एवं वृत्ति:
[मूल-निर्युक्तिः
+ भाष्यं + द्रोणाचार्य विरचिता वृत्तिः]
[आद्य संपादक: - पूज्य आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी म. सा. ]
(किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह )
पुनः संकलनकर्ता→ मुनि दीपरत्नसागर (M.Com., M.Ed., Ph.D.)
23/04/2015, गुरुवार, २०७१ वैशाख सुद ५
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मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित आगमसूत्र- ४१/१] मूल सूत्र- [ २/१] “ओघनिर्युक्ति" मूल एवं द्रोणाचार्य विरचिता वृत्तिः
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