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आगम (३६)
“व्यवहार” - छेदसूत्र-३ (मूल) --------- उद्देश: [८] -----
--------- मूलं [४] .....---- मनि दीपरत्नसागरेण संकलित...........आगमसूत्र - [३६], छेदसूत्र - [9] "व्यवहार" मूलं
प्रत
दीप
जहालसन सेना परिचा एमेण हत्येण जोगिनिमय जाब एगाहं वा दुयाह वा तिपाहं वा पाउपाहवा पंचपाहवा वरमवि अवार्ण परिवाहित्तर, एस में पुवावासात भरिस्सा ९२' राण घरभूमिपता कप्पा देबए पा भगए चा उत्तए वा मत्तए चालहिया वा भितिचा चेलमा मेलमिलिमिलिया ना मम्मे ना पायकोसएबापमापरियो। पणए वा अविरहिए ओवासे ठवेत्ता माहाकुलं मनाए वा पाणाएवा पविसित्तए पा निक्समिसाए पा, कापड से संनियहचारिस्त दोषि ओलाई अन्नवेत्ता परिहरिसए '५२३१ गानो कणा निगन्याण पा निग्मन्बीण वा पाविहारियं वा सागारियर्सतिय वा सेवासंथारग दोचंपि ओगई अपनवेत्ता पहिया नीहरिए । कणा अन्नवेत्ता. १७॥ पानो कापा निगन्यागमा निमन्बीण या पविहारियं चा सागारिपसंनियं वा संवासंघारगं पचप्पिणिता दोचंपि तमेव ओग्गाहं जगन्नता अहिद्विगए । बाप्पा अणुन्नवेशा.
रानो कापड निम्मन्याम मा निम्मन्बीण वा चामेब ओमई ओगिनिहला तओ पच्छा अशुन्नवेत्तए । १०। कणा निम्गन्धाण वा निम्गन्धीण वा पुधामेव ओमाई अगुणवेत्ता सओ पच्छा ओगिष्हित्तए,जह पुण एवं जामेजा-मह खलू निगन्याण वा निग्गन्धीणवानो सुतमे पाटिहारिए सेजासंचारएत्तिकटुएवंम्हंकप्पड़ पुरामेन जोगह ओनिमित्ता तो पष्ठा अणुभोतए, मा बहउ अजो ! चितवं, अनुलोमेणं अणुलो मेयो सिया १५३।११। निग्गन्धरसणं गाहावाकुल पिण्डवायपडियाए अणुपपिहरस हालसए उपरणजाए |H परिभ सियाच केई साहम्मिया पासेवा पह हंसे सागारकई गहाय जत्येव ते अन्नमग्न पाजा सत्येष एवं वएना-इमे ते अनो! कि परिन्नाए.से बचएगा-परिन्नाए, तस्सेर पडिभिजाएको सिया,से पवएना-नो परिन्नाए, नो अप्पमा परिभुजा, नो अन्नोसि दाबए, एगते बहुफामए पारसे पण्डिले पडि पम० परिहया सिया । १२॥ निग्गन्धस्स गं पहिया विद्यारभूमि वा विहारभूमि वा निक्वंतरस बहालहसाए परिबेयो सिया । १३३ निगन्नारस में गामागुगाम दुराजमानस अन्नयरे उपगरपजाए परिभ । सियान कई साहम्मिया पासेगा, कप्पद से सागारकडं गहाय दूरमधि अडाणं परिवहितए,जस्थेष अन्नमन्नं पालेता तत्व- परिहयो सिया '२१०९शकप्पा निम्यान्माण वा निग्गन्धीण वा अरेगपडिमाई अचमन्नस्स अट्टाए रमचि अदार्ग परिवाहित्तए पा धारेलाए पा परिहरिलए 'सो वा धारेस्सद वा धारेस्लामि असो वाणं धारेस्सइनो से पहले अगाणिय अणामन्तिय अन्नमग्नेसि दार्ड या अगुपचाउँ वा, कन्या से ते आपुचिठय आमन्तिम अशमशेसि दानं वा अगुपयाउँमा '२०७।१५। आकृतिअहगापमाणमेले काले आहार आहारमाणे निग्गन्थे अप्पाहारे दुवालसडिजण्डागप्पमाणमेले काले आहारं आहारमाणे निमान्ये असरदोमायरिया सोलमा एमागपत्ते चा. बीस ओमोपरिया तिमागपत्ते सिया एगलीसं विचूगोमोबरिया बत्तीस पमाणपते. एतो एमेणवि कालेणं कण आहार आहारेमाणे समणे निगन्ये नो पकामरसभोलि बसर्व सिया ३३०१८॥ अनमो उदेसओटा सागारिया आएसे जस्तो बगडाए भुजाइ निहिए निसले पाहिहारिए, तम्हा गए नो से कापा पहिगाहेत्तए । सागारिपस्स। आएसे असो वढाए मुना निहिए निसले अपाविहारिए तम्हा दाए एवं से कप्पा पडिगाहेत्तए ।२। सागारियस आएले चाहि बगाए मना निहिए निसडे पाहिहारिए तमा बापए, नो से काया पहिगाहेनएससास्विस आएसे बाहि बगडाए मुंजा निहिए निसट्टे अपाटिहारिए सम्हादावए एक से कप्पर पडिगाईलए।सारियस्स दासेज वा पेसेव वा 15 भवएत या महणाएर वा अंतो० पावि अंतो• अपाटि बाहि पाहि पाहि अपाडिक १५-८1 सारिचरस नापए लिया सारिवसा एमाए अंतो सागारिपसा एगपयाए सारिय बोरजीह सम्हा दावए नो से कप्पड पडिगाहेत्तए।रासारिखस्स नायए सिया सारियस एगवगवाए वो सामारियस अभिनिषमाए सारियं बोक्जीपद सम्हा दावए, नो सेकपा पडिगाहेलए।१०। सारिवस्स नायए सिया सारियस्त एगवडाए पाहिसागारियरस एमपचाए सारियं भोपजीवह तम्हा दापए नो से कापड पडिगाहेलाए।११ सारियस्स नायर सिया सास्विरस एगवगवाए बाहिं सागारियस अभिनिपयाए सारियं चोपजीपड तन्हा दायए नो से कह पडिगाहेत्तए । १२॥ सारियरस नाबए सिमा सारिवस्स अभिनिगवाए एगदुवाराए एगनिक्समगपवेसाए अनी सागारियरस एगपयाए सारिय चोपजीवनम्हा दाएनी सेकय पहिगाहेगए।१३। सारियस नायए सिया सारियरस अभिनिगडाए एमनुवाराए एगनिफ्लमणपसाए सागारियस्स अभिनिपपाए सागारियं घोषजीवदनम्हा दाबए नो से कप्पर पडिगाईलए।शमारियस नायए सिया सारियरस अभिनित्रयदाए एगदुवाराए एगनिक्समापनेसाए पाहि सागारियस एमपयाए सारिवं बोरजीचा सम्हा दावए नो से कण पडिगाईलए । १५ । सारियस नापाए सिया सारिखस्स अमित निवगहाए एगद्वाराए एमनिपलमणपसाए बाहिंसागारियस अभिनिपयाए सारियं घोषजीवनम्हा दापए नोसे मापा पहिगाहेत्तए'२.१६सारिया कपसालासाहारणवकया उत्ता सम्हा दापए नो से कप्त पहिगाहेलए।१७। सारियस पयसाला निस्साहारगावयपरत्ता सम्हा बापए एवं से कणव पडिमाईलएटा सारियस्स गोलियसासा. १७७ महार-मूत्र उदो
सुनिदीवरजसागर
अनुक्रम [१९०]
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अत्र उद्देशक: ९ आरब्ध:
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