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________________ आगम (३६) “व्यवहार” - छेदसूत्र-३ (मूल) ----------- उद्देश: [९] ------- ---------- मूलं [३०] ---------- मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..........आगमसूत्र - [३६], छेदसूत्र - [3] "व्यवहार" मूलं H प्रत सूत्राक [३०] दीप अनुक्रम [२३२] AMARPRASHANTARNAMAATARATE पोपियसाला रोपिसाला सोसियतालाबोडिपसाला गन्धियमाला से कप्पा पबिगाहेत्तए ।१९.३७ । सामारियल सोडियसाला ३१-१२सारिपसोसहीमो श संपात्रो, कमा रापए, नो से कमर पडिगाइनए। सारिया ओसहीजो असंपदाओ, सम्हा रावए, एवं से कप्पा पहिमाईलए ।३४ सारिवस्म अमला एक माश पहिगाहेनए '1३५-३६ सत्तसत्तमिया में मिक्लुपतिमा में एगणपचाए राईविएहिं एगेणं उसाउएर्ण निषसासएक हासुतं अहारूपं महामणे मार सकाएन पासिया पालिया सोहिया तीरिया किडिया आपाए अगुपालिया मद।३७ अहमहमिया मिक्सुपडिमा बसहीए राईदिएहि दोहिया अवासीएहि मिक्सासएहि जहा. सुर्त अगुवालिया मगह । ३८ा नवनवमिया गं भिक्सुपडिमा एमासीएहिं राइदिएपिउहि य पन्युत्तरेवि मिक्सासएहि महामुन जाय अपालिया मा । ३९। इसदसमिया भिसुपरिमाक एगेन राईदिवसएन अबछडेहि व निफ्यासएहि महासुन जाव भव''11दो परिमाओ 4.-मुडिया व मोगपतिमा महलिया र मोयप. हिमा, साहित्य मोपपहिम पतिपन्नस अगगारस कपद से पदमसात्यकालसमति पाचरिमनिदाहकालसमयसि वा, महिया ठाया गामस बाजार समिसरसा का पति पापविमोतियापासिया पायचितुम्गसिपा, मोचा आरुमा चोरसमेणं पारद जभोचा आरुमा सोलसमे पास जाए जाए मोर दिया आगारिया र आपले आमच्छानो भाषणे, सपाणे पसे आगच्छह नो आइयच्ने, अपाणे मले आगच्छदाइयो, एवं सनीए ससिगिने ससरस्से मते आमच्या मो आइयो, अपीए अतिमिलेगा ससे मने आगचा आपने, आए जाए मोए मायने में अर्थ वा पाए पा, एवं सल सा सडिया मोक्पडिमा हासुतं जात अपालिया मरा१सिपणे मोय हिमपामार आप पापयचिति वा, भोचा आरमा सोलसमे पारेड, अमोचा आरुमा अहारसमेनं पारे जाए जाए मोए. आइयचे आगाए अपालिया मा २015 संसानियतन मिश्रम पडिग्गहधारिस गाहावाकुल विश्वावपडियाए अणुप्पविहरमा जारतिय २ अन्तो परिमहंसि उचात बलएमा तारायाओ सीमा पर सिया. तत्य से कह उपएक बारएन वा चालएन वा अन्तो पहिम्मईसि उबिना इलाजा समाविणं सा एगा बत्ती बत्तम लिया, गाय से पहरे भजमाणा लेते समय पिण् साहमियर अन्नो पहिम्महसि उपिता बलएना समाविण सा एगा इनीति पर्व सिया।संसादसियरस मिस्स पानिपहिग्याहिपमा जापाय जन्तो पाणिनि पहिगाईलि पल सिया ११५' लिपि उपहडे प...सुबोचहले कालिओचहडे संसहोपाडेलिबिद जोमहिए पं० त०-जोगिया जंच साहस जपाससि परिसा एवं एमाइंग, एगे पुण एकमारंग-रहि ओमहिए पं. जप ओगिधा जपत्रासमसि परिसपा '१२८।४६॥नामी डेसओ ९॥ दो पहिमाली 4.0 अपमानापन पडिमा बहरमनराय चनपडिमा, जमनाम् चन्दपदिय पदिवास्स अपगारस्समासं बोसकाए चियत्तदेहे जे के उपसमा समुप्पा तितक-दिवा या मागुस्समा या तिरिक्सजोणियाना अणुन्नीमा वा पडिलोमा वा, नत्थाणुलोमा तार दिन पानसेनमा सकारेज वा सम्मान पा का मंगल देव चहर्ष यजुवासेज या, सत्य पहिलोमा जन्नयरे दंडेण वा अहिणाबाजओनेम ना तेण वा कसेण पा काए आउडेजा पाते सो उपन्ले सम्म सहेजा खोजा तिइलेजा दिया जा, जनमज्म चंपादिम पतिमन्नस्स अपगारम्स सुपाससा पादिवए कपड़ एगा बत्ती मोषणा पतिमाहेचए एगा पाणरस, सहिषयचउप्पयाइएहिं आहारकंतीहि सोहि पडिमियत्तेहिं अन्नायउन्य सुबोपहर्ड, कम्पह से एमसमजमानस्स पडिगाईलए.नो दोनो तिनोपउन्इंनो पार्टनो गुत्रिणीए नोपालवत्याए नो दारग पेजमानीए,नोकप्पह अंतो एलयस्सदोपि पाए साइट दलमाणीए पडिमाहिलाए, नोचाहिं एलपस्स दोषि पाए साहट बलमाचीए पडिमाहेत्तए, ह पुष एवं जाणेना-एमं पार्थ अंती किचाएग वार्य बाहिं किया एवं विक्सम्माता, एपाए एसगाए एसमाणे सभेजा जाहारेजा, एपाए एसजाए एसमाणे नो सम्भेजा णो आहारज्जा, विदयाए से कप्पा होमिनीओ भोयणास परिगाहेत्तए दोणि पाणला, काया। जापनो आहारेजा, एवं पाए तिमि जाप पारसीए पारस, बहुपक्सस्स पाहिए कप्पति पोदस जाव चोरसीए एका दनी भीषणता एका पाणगस्त सोहिश्याप्पय जाप नो आहारमा, समाचासाए सेप अमनले महएवं खलु एसा जनमज्जादपडिमा भागु हाकर्ण जाम अपालिया मति ।पारमक वापहिम पहिलस - गारस मा अहियासेजा, पहरमा चरपडिम परिवारा अनमारस्स बहुलपमयस्स पाटिनए कप्पा पारस दसीओ भोषणा परियादिलाए पन्नास पानास सविण्य. पउपय०.पीयाए रोकाया चोरस, एवं पन्नस्सीए एगा दसी, पदिपए से कप्पा दो दनीजओ बीयाए विग्नि जाच पारसीए परमारस पुगिमाए अमत्त भवन, एवं खलु एसा बारमजावपडिमा अहासुन बहाकार्य जाच अणुपालिया मा ५०१२॥ पंचविहे पहारे पं. आगमे सुए आणा धारणा जीए, नत्य भागमे सिया आगमेण चहारे पदवियोमो ९७८ व्यव्हारसूर्य उदेश-10 मुनि दीपरतसागर अत्र उद्देशक: १० आरब्धः ~13~
SR No.004136
Book TitleAagam 36 VYAVAHAAR Moolam evam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2015
Total Pages17
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_vyavahara
File Size5 MB
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