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________________ आगम (३४) "निशीथ” - छेदसूत्र-१ (मूलं) --उद्देश: [१] ........................-------------- --- मल [१३२] --------- मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित...........आगमसूत्र - [३४], छेदसूत्र - [१] "निशीथ" मूलं BAAR प्रत सूत्रांक [१३२] दीप दगंगा नियमानुसावर्ग या जयोदगं या मुसौदर्ग मा आचार्य वा लोधीरं या अम्मकक्षियं या मुदवियर्ड या अगायोर्य जमिल अपरिणय अनकन्तजी अनिदत्य परिमाहेइ प० । सा'७४।१३२। अपनी आयरियनाए सरसगाई वागरेट वागलं या साइट।१३३४० गाएज या बाएजमा नजया अभिगएजमा हपसि हस्थियुष्यलाइ उद्ध सीहनाय मा फोग करन या सा- ११३४ रीसदापि या परह वा मुख्य या मुईग या एवं नदि या गडरिक या सावरिया समग या मरस्य वा सरर- या पएसबा 18 गोद बाजायराणि या नहणगाराणि विनयाणि सहागि फष्णसोयपडियाए अभिसंधारेज ला बारसमसगमेण गेया।१३५१७ बीणासहाणि वा विपत्रिक या नृणा बीसग या बीगाहयतुंबपीगा बाझोरो जयः वा दंगस या अनपराणिया तहपगारापि चितपाणि सदाणि१३६ सान्सदामिया कैसलाल या यत्तियः वा गोहिया मकरिया चाकामिक या महान्यासणालिया नावालिया वा अपरामिया तहल्यगाराभिमुसिरागि१३७१० सबसदाणि बार्बल या बेणु बाखरमहिः या परिलिका बाबा अजयराणिवा तहणमागणि मुसिराणिः '१३ ११३८. पप्पानिया निहाणि या जाप इह पर लोइएस वा सदसु जाव अमोचनजेमाण नासा ९४'न सेवमाणे आवजाबाउम्मासियं परिहारहाणं उपाइयं ।।३९.१५१७ सारसमो उदेसभा १७॥जे मिश्य अगड़ाए नार्य दुबहादुर ता.1210 नाच किगड किणावे कीयमार दि. जमार्ग स्वइस्दन वा साक-एवं जो पोटसमे उसे परिम्गहगमोसी गोयना जाप अपग पर दुहतिशिमाणिया।२-५० बताओ ना जले ओकसाह ओसा1ि0 जलामो नावं घले उकसावेद उकसा पानाचं उसिवासा.सिनेमा रियायपेड पिसा०1९० पटिगापियं कट नावाए दुरुहड साका१०० उदरगामिमिवानार्वजहोगामिगि वामा दूरसार१.जोयगागामिनि माजजीवनासायाना०४० सा१२२० मार्य आकसावेड ओफसापेड सेवाड रवणावा बड़ड़-१३. ना जारिताएगवा पकिडएनवावगया बवाना बहेडमासा1१४ नावाओ उदगं भायगंगवा पहिम्महेण वा मनेग वा नाबाउस्सिाग हाउस्सिाहसा०1१५ मा उनिगेण उदासयमाणि उपम्यारि काजलमाथि पेड़ाय इन्वेग या पाएगवा जासत्यपनेण वा कुसपलेण वा महियाए वा देवकरण या परिवारपसा नापामश्री नायागयम्स सर्ग पा. पहिगाहेश पासा...'एनेण गमेग गावामओ जलगतस्सपावागनो पावरसणावागतो धगतस्स एवं ज. सागपि चनारिकगापि पगारियनगएमचिनारिमाया ।७-३२ किगड किगावेदकीयमाहट दिजमार्ण परिसमाहा प.साक एवं मोहसमें जडेसे पडिगहए जो गमो मणिभो सो पेय दहषि पत्येण यतो जापवासावास संपला संसान मिकोरणं नरिथ 12 सेवमाणे आपना योउम्बासिय परिहारहाण उपाय अादसमी असो.१८॥ जे मिवर वियट रिण किणार की आहटर देजमाण पडिगाड ५० सा०।।एवं पामिति पामिशावेति पामिचिमिति १२० परिवहति परिबहादेति परिवद्रियमिति १३० अच्छेनं अनिसटुभिहर्ड-18| मिक्लू गिनस्सहाए परं ति वियदलीण पडिम्याहेडपमा०1०.वियर्ड महाय गामाणुमाम इनाइड्सा ६- वियर गालेद गालावेद गालिय'२६ 101 पाहिं समाहि समझायकोड करेन या मान-पुपाए संझाए पछिमाए सझाए अवसरमजादे अटरनेट कालियसपस्स पर तिहं पुष्ठाण पुष्य १० सा९दिद्विवायसापर सनष्ट पुष्ठाणं पुष्याइ पु०सा ३६१० पाउसु महामहेसुसजमार्य को करें या सात-इन्दमरे सदमहे जनावमहे भयमहे।११मममहापारिवएससझार्य करबलासा.क.मुगिन्हियापासिए आसाडीपाः भवय(इन्दमह) पाकनिया१२. पोशित सझापं उपाइणावेह उपा.मा.12पाउकासझायनामक.सा.''१४० सज्झाइए सझा करेंड कसा १५ अपणो आवाए सवाय कोद क० सा० १५२।१६ द्विलाई समोसरणाइपाएगा उपसिधाई समासरणाई या या या सा1१1० नव संसपेराई प्रवाएना उरिमसुर्य पाए बा-मापE९'द अबन पाडवासा १९ वनवाएडया-सा12.1अपनाएर.1२१ पत्तं न पाए नपासा.'२१५।२२बोडपि सरिसमागं एक संचिकानावेत एकनसंचिक्रवार एकाएर एकनपाएर नया.सा. '२२११२। प्रायरियड्वज्झाएहि अविदिशं गिरं आध्या आरसा-1२४ अबर| धिय बागारियर्थ बाबाएव याबासा।२५० परिचाइ १० सा०।२६० एवं पासस्थ ।२७-२८ा ओसम । २९-३०। कुसीन् । २१-२२। नितिय । २३-३४ा संसन '२४३' नमा आवमा चाउम्माभियं परिहारहाण उपाइय।३५-३६ एनपीसदमो नदेखत्री जे मिक्स मासियं परिहारहार्ण परिसेविना आनोएमा प्रचलितषिय आलो. एमागस मासिथ पलिपियालोएमाणस दोमासिब, एक्यहारपरपुरेसनमा यो जारसगमा समना एगलमा बनसोविजाच सामेव सकप एगओ साहणिना जाए य पटुवमाए पपिए निविसमागएपडिसेविता सावितिमा तन्धेव आहेगा सिया २०१२-२२१० डम्माभियं परिहारहाण पहनिए अपगारे अंतरा होमालिय परिहारहाण (२४०) ९६०निशीथ छेदसूप उसी -20 मुनिटीपरनसागर भिनयू मिया मालागास संघसा सव० साल नया णिशोरण माथि माह बिजमाणं पजिम्माहा प० मा अनुक्रम [१०३६] छAviyanकर अत्र उद्देशक: २० आरब्धः ~15~
SR No.004134
Book TitleAagam 34 NISHITH Moolam ev
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2015
Total Pages18
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_nishith
File Size5 MB
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