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[२१] श्री पुष्पिका(उपांग) सूत्रम्
नमो नमो निम्मलदंसणस्स
पूज्य श्रीआनंद-क्षमा-ललित- सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः
“पुष्पिका” मूलं एवं वृत्तिः
[मूलं एवं चन्द्रसूरि- विरचिता वृत्तिः]
[आद्य संपादकः - पूज्य अनुयोगाचार्य श्री दानविजयजी गणि म. सा. ]
(किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह )
पुनः संकलनकर्ता→ मुनि दीपरत्नसागर
15/01/2015, गुरुवार, २०७१ पौष कृष्ण १०
(M.Com., M.Ed., Ph.D.)
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मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित आगमसूत्र - [२१] उपांग सूत्र- [१०] “पुष्पिका" मूल एवं चन्द्रसूरि विरचिता वृत्तिः