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________________ आगम (१४) प्रत सूत्रांक [७] दीप अनुक्रम [83] “जीवाजीवाभिगम” - उपांगसूत्र - ३ ( मूलं + वृत्ति:) प्रतिपत्ति: [३], उद्देशकः [(नैरयिक)- १], मूलं [ ७९] मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित आगमसूत्र [१४], उपांग सूत्र [३] "जीवाजीवाभिगम" मूलं एवं मलयगिरि प्रणीत वृत्तिः श्रीजीवाजीवाभि० मलयगि रीयावृत्तिः ॥ ९९ ॥ 10% % % [ इमीसे णं भंते । रयणप्पभाए पुढवीए उबरिल्लातो चरिमंतातो हेद्विल्ले चरिमंते एस णं केवतियं अबाधाए अंतरे पण्णत्ते ?, गोयमा ! असिउत्तरं जोयणसतसहस्सं अबाधाए अंतरे पण्णत्ते । इमी से णं भंते! रयण० पु० उवरिल्लातो चरिमंताओ खरस्स कंडस्स हेहिले चरिमंते एस णं hari अबाधाएं अंतरे पण्णत्ते ?, गोयमा ! सोलस जोयणसहस्साइं अबाधाए अंतरे पण्णत्ते ] इमीसे णं भंते! रणपभाए पुढचीए उवरिल्लातो चरमंताओ रयणस्स कंडस्स हेहिले चरिमंते एस केवति अबाधाए अंतरे पण्णसे ?, गोयमा ! एवं जोयणसहस्सं अवाधाए अंतरे पण्णन्ते ॥ इसीसे णं भंते! रयण० पु० उवरिल्लातो चरिमंतातो वइरस्स कंण्डस्स उवरिल्ले चरिमंते एस जं केवतियं अबाधाए अंतरे पण्णत्ते, १, गोयमा ! एक जोयणसहस्सं अबाधाएं अंतरे प० ॥ इमीसे रयण० पु० उबरिल्लाओ चरिमंताओ वइरस्स कंडस्स हेट्ठिल्ले चरिमंते एस णं भंते! केवतियं retary अंतरे प०, गोयमा। दो जोयणसहस्साइं इमीसे णं अवाधार अंतरे पण्णसे, एवं जाव firee उरिले पन्नre जोयणसहस्साई, हेट्ठिल्ले चरिमंते सोलस जोयणसहस्साई ॥ इमीसे भंते! रणप० पु० उवरिल्लाओ चरिमंताओ पंकबहुलस्स कंडस्स उवरिल्ले चरिमंते एस णं अबाधाए केवतियं अंतरे पण्णत्ते ?, गोयमा ! सोलस जोयणसहस्साई अबाधाए अंतरे पण्णन्ते । हेहिले चरिमंते एक जोयणस्यसहस्सं आवबहुलस्स उवरि एवं जोयणसयसहस्सं हेडिल्ले For P&Pease Caly ~ 201~ ३ प्रतिपत्ती उद्देशः १ काण्डा द्यन्तरं सू० ७९ ॥ ९९ ॥
SR No.004114
Book TitleAagam 14 JIVAJIVABHIGAM Moolam evam Vrutti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2014
Total Pages938
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_jivajivabhigam
File Size230 MB
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