SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 61
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आगम (१०) “प्रश्नव्याकरणदशा” - अंगसूत्र-१० (मूलं+वृत्ति:) श्रुतस्कन्ध: [१], ---------- ------------- अध्ययनं [२] -------- ---------- मूलं [७] मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित...........आगमसूत्र - [१०], अंग सूत्र - [१०] "प्रश्नव्याकरणदशा" मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचित वृत्ति: प्रत जवाहणता मित्तकलत्ताई सेवंति अयंपि लुत्तधम्मो इमोवि विस्संभवाइओ पावकम्मकारी अगम्मगामी अयं दुरप्पा बहुएमु य पापगेसु जुत्तोत्ति एवं जंपति मच्छरी, भहके वा गुणकित्तिनेहपरलोगनिप्पिवासा. एवं ते अलियवयणदच्छा परदोसुष्पायणप्पसत्ता वेढेन्ति अक्खातियवीएण अप्पाणं कम्मबंधणेण मुहरी असमिक्खियप्पलावा निक्खेवे अवहरंति परस्स अत्थंमि गढियगिद्धा अभिजुजति य परं असंतएहिं लुद्धा य करेंति कूडसक्खित्तणं असच्चा अस्थालियं च कन्नालियं च भोमालियं च तह गवालियं च गत्यं भणंति अहरगतिगमण, अन्नपि य जातिरूपकुलसीलपञ्चयमायाणिगुणं चवलपिसुणं परमट्ठभेदकमसके विदेसमणस्थकारक पावकम्ममूलं दुद्दिई दुस्सुयं अमुणियं निलजं लोकगरहणिज वहबंधपरिकिलेसबहुलं जरामरणदुक्खसोयनिम्मं असुद्धपरिणामसंकिलिर्ट भणंति अलिया हिंसंति संनिविट्ठा असंतगुणुदीरका य संतगुणनासका य हिंसाभूतोवघातितं अलियसंपउत्ता धयणं सावजमकुसलं साहुगरहणिज्ज अधम्मजणणं भणंति अणभिगयपुन्नपावा, पुणोवि अधिकरणकिरियापवत्तका बहुविहं अणत्थं अवमई अप्पणो परस्स य करेंति, एमेव जपमाणा महिससूकरे य साहिति घायगाणं ससयपसयरोहिए य साहिति वागराणं तित्तिरवट्टकलावके य कविंजलकवोयके य साहिति साउणीणं झसमगरकच्छभे य साहिति मच्छियाणं संखंके खुल्लए य साहिति मगराणं अयगरगोणसमंडलिदचीकरे मउली य साहिति बालवीणं गोहा सेहग सल्लगसरडके य साहिति लुद्धगाणं गयकुलवानरकुले य साहिति पासियाणं सुकवरहिणमयणसालकोइलहंस दीप अनुक्रम [११] 中六十六字水冷式中式产中式中,中六个六 SAREaanaa ~60~
SR No.004110
Book TitleAagam 10 PRASHNA VYAKARANAM Moolam evam Vrutti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2014
Total Pages335
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_prashnavyakaran
File Size76 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy