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आगम
(१०)
“प्रश्नव्याकरणदशा” - अंगसूत्र-१० (मूलं+वृत्ति:) श्रुतस्कन्ध: [१], ----------------------- अध्ययनं [४] ----------------------- मूलं [...१५] मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित...........आगमसूत्र - [१०], अंग सूत्र - [१०] “प्रश्नव्याकरणदशा" मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचित वृत्ति:
प्रत
सूत्रांक
[१५]
उवणमंति मरणधर्म अवितत्ता कामाणं । भुज्जो उत्तरकुरुदेवकुरुवणविवरपादचारिणो नरगणा भोगुत्तमा भोगलक्खणधरा भोगसस्सिरीया पसत्थसोमपडिपुण्णरूवदरसणिज्जा सुजातसव्वंगसुंदरंगा रत्तुप्पलपत्तकतकरचरणकोमलतला सुपइडियकुम्मचारुचलणा अणुपुव्वसुसंहयंगुलीया उन्नयतणुतंबनिद्धनखा संठितसुसिलिट्ठगूढगोंफा एणीकुरुविंदवत्तवट्टाणुपुब्धिजंघा समुग्गनिसग्गगूढजाणू बरवारणमत्ततुलविकमविलासितगती वरतुरगसुजायगुज्झदेसा आइन्नयब्ब निरुवलेवा पमुइयवरतुरगसीहअतिरेगवट्टियकडी गंगावत्तदाहिणावत्ततरंगभंगुररविकिरणवोहियविकोसायंतपम्हगंभीरविगडनाभी साहतसोणंदमुसलदप्पणनिगरियवरकणगच्छरुसरिसवरवाइरवलियमझा उजुगसमसहियजयतणुकसिणणिद्धआदेजलडहसूमालमउयरोमराई झसविहगसुजातपीणकुच्छी झसोदरा पम्हविगडनाभा संनतपासा संगयपासा सुंदरपासा सुजातपासा मितमाइयपीणरइयपासा अकरंडुयकणगरुयगनिम्मलसुजायनिरुवहयदेहधारी कणगसिलातलपसस्थसमतल उवाइयविच्छिन्नपिहलवच्छा जुयसंनिभपीणरइयपीबरपउद्दसंठियमुसिलिट्ठविसिट्ठलहसुनिचितघणथिरसुव.
संधी पुरवरवरफलिहयट्टियभुया भुयईसरविपुलभोगआयाणफलिउच्छूढदीहवाहू रत्ततलोवतियमउयमंसलसुजायलक्खणपसस्थअच्छिद्दजालपाणी पीवरसुजायकोमलवरंगुली तंबतलिणसुइरुइलनिद्धनक्खा निद्धपाणिलेहा चंदपाणिलेहा सूरपाणिलेहा संखपाणिलेहा चक्कपाणिलेहा दिसासोवत्थियपाणिलेहा रविससिसंखवरचकदिसासोवस्थियविभत्तमुविरइयपाणिलेहा वरमहिसवराहसीहसद्दलसिंहनागवरपडिपुन्नविउलखंधा
दीप
अनक्रम [१९]]
REaratundelna
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