________________
आगम
(०५)
प्रत
सूत्रांक
[६६९ ]
दीप
अनुक्रम [७८७]
“भगवती”- अंगसूत्र-५ (मूलं + वृत्तिः)
शतक [२०], वर्ग [−], अंतर् शतक [ - ], उद्देशक [५], मूलं [ ६६९ ] मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित आगमसूत्र [०५], अंग सूत्र [०५] "भगवती मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचित वृत्तिः
सबै निद्धे देसे गरु देसे लहुए देसे निद्धे देसे लक्खे एत्थवि चसद्धिं भंगा, सबै कक्खडे सधै निद्धे देसे गरुए देसे लहुए देसे सीए देसे उसिणे १ जाव सबै मउए सबै लक्खे देसा गरुपा देसा लहुया देसा सीया | देसा उसिणा १६ एए उस िभंगा, सबै गरुए सबै सीए देसे कक्खडे देसे मउए देसे निद्धे देसे लक्खे एवं जाब सबै लहुए सबै उसिणे देसा कक्खडा देसा निद्वा देसा मया देसा लुक्खा एए चउस िभंगा, सबे गरुए सवे निद्धे देसे कक्खडे देसे मउए देसे सीए देसे उसिणे जाव सधे लहुए सधे लक्खे देसा कक्खडा | देसा मउया देसा सीपा देसा उसिणा एए चउस िभंगा, सहे सीए सबै निद्धे देसे कक्खडे देसे मए देसे गरुप देसे लहुए जाव सबै उसिने सबै लुक्खे देसा कक्खडा देसा मउया देसा गरुया देसा लहुया एए चउस िभंगा, सबे ते छफासे तिन्निचउरासीयं भंगसया भवंति ३८४ । जइ सत्तफासे सबै कक्खडे देसे गरुए देसे लहुए देसे सीए देसे उसिणे देसे निद्धे देखे लक्खे १ स कक्खडे देसे गरुए देखे लहुए देसे सीए देसे उसिणे देसा निद्धा देसा लुक्खा ४ सधे कक्खडे देसे गरुए देसे लहुए देसे सीए देसा उसिणा देसे निद्धे देसा लक्खा ४ सबै कक्खडे देसे गरुए देसे लहुए देसा सीया देसे उसि देखे निद्धे देसे लक्खे ४ सर्व्वते सोलसभंगा भाणियद्या, सबै कक्खडे देसे गरुप देसा लहुया देसे सीए देसे उसिने देसे निद्रे देसे लक्खे एवं गरुणं एगतेणं लहुएणं पुणं एतेवि सोलस भंगा, सधे कक्खडे देसा गरुया देसे लहुए देसे सीए देसे उसिणे देसे निद्धे देसे लक्खे एएवि सोलस भंगा भाणियधा, सबै कक्खडे देसा गरुया देसा
Eaton Intentional
For Parts Only
~ 1575 ~
%%