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श्री समवायाङ्गसूत्रम्
नमो नमो निम्मलदंसणस्स
पूज्य श्रीआनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः
“समवाय” मूलं एवं वृत्तिः
[मूलं एवं अभयदेवसूरि रचित वृत्तिः ]
[आद्य संपादक: - पूज्य आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी म. सा. ]
(किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह )
पुनः संकलनकर्ता→ मुनि दीपरत्नसागर (M.Com., M.Ed., Ph.D.)
04/08/2014, सोमवार, २०७० श्रावण शुक्ल ८
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मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित ...आगमसूत्र [०४), अंग सूत्र [०४] "समवाय" मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचित वृत्तिः
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