________________ श्री आचारागसूत्रम् नमो नमो निम्मलदसणस्स 'पूज्य श्रीआनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरूभ्यो नमः / “आचार" मूलं एवं वृत्ति: [मूलं + भद्रबाहुस्वामी कृत् नियुक्ति; + शिलांकाचार्य रचित वृत्तिः] [आदय संपादकः - पूज्य आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी म. सा. / / (किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह) पुन: संकलनकर्ता नि दीपरत्नसागर (M.Com., M.Ed., Ph.D.) | '06/06/2014, शुक्रवार, 2070 ज्येष्ठ शुक्ल 8 jain_e_library's Net Publications ~0~#