________________
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org
आभिनिवोधिक ज्ञान
प्रत्यक्ष
इन्द्रिय प्रत्यक्ष
श्रुतज्ञान
नोइन्द्रिय प्रत्यक्ष
१. श्रोत्रेन्द्रिय प्रत्यक्ष २. चक्षुरिन्द्रिय प्रत्यक्ष ३. घ्राणेन्द्रिय प्रत्यक्ष ४. रसनेन्द्रिय प्रत्यक्ष
५. स्पर्शेनेन्द्रिय प्रत्यक्ष
अवधि
मनः पर्यव
केवल
अवग्रह
व्यंजनाबग्रह
ज्ञान
अवधिज्ञान ज्ञान
आभिनिबोधिक
श्रुतनिःसृत
ईहा अवाय
अर्थावग्रह
( नंदीसूत्र के अनुसार )
मनः पर्यव ज्ञान
परोक्ष
केवलज्ञान
श्रुत
अश्रुतनिःसृत
धारणा औत्पातिकी वैनयिकी
कर्मजा
पारिणामिकी
बुद्धि
अध्याय १ :
मोक्षमार्ग
६७