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१४० तत्त्वार्थ सूत्र : अध्याय ३ : सूत्र १-२
- वहाँ ४५ लाख योजन (मनुष्य लोक अथवा ढाई द्वीप प्रमाण) आकार की सिद्ध शिला है, जहाँ उसके और उपर सिद्ध जीव शाश्वत सुख में निमग्न रहते हैं ।
(सलंग्नलोक चित्र से यह स्पष्ट समझा जा सकेगा।)
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अधोलोळ
शर्करा प्रभा
बालुका प्रभा
पंक प्रभा
धूम प्रभा
तमःप्रभा
महातमः प्रभा
लोक पुरुष : लोक संस्थान आकृति
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