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________________ २४ प्रज्ञापना सूत्र जस्स णं भंते! जीवस्स काइया आओजिया किरिया अत्थि तस्स अहिगरणिया आओजिया किरिया अत्थि, जस्स अहिगरणिया आओजिया किरिया अत्थि तस्स काइया आओजिया किरिया अत्थि ? • एवं एएणं अभिलावेणं ते चेव चत्तारि दंडगा भाणियव्वा, जस्स जं समयं जं देसं जं पसं जाव वेमाणियाणं ॥ ५९० ॥ ************************** भावार्थ- प्रश्न - हे भगवन्! जिस जीव के कायिकी आयोजिका क्रिया होती है, क्या उसके आधिकरणिकी आयोजिका क्रिया होती है ? और जिसके आधिकरणिकी आयोजिका क्रिया होती है, क्या उसके कायिकी आयोजिका क्रिया होती है ? उत्तर - हे गौतम! इस प्रकार इस अभिलाप के साथ १. जिस जीव में २. जिस समय में ३. जिस देश में और ४. जिस प्रदेश में ये चारों दण्डक यावत् वैमानिकों तक कहने चाहिए । विवेचन प्रस्तुत सूत्र में आयोजिका क्रियाओं का वर्णन किया गया है। 'आयोजयति जीवं संसारे इत्यायोजिकाः' - जो क्रिया जीव को संसार के साथ जोड़ती है उसे आयोजिका क्रिया कहते हैं। आयोजिका क्रिया के कायिकी, आधिकरणिकी, प्राद्वेषिकी, पारितापनिकी और प्राणातिपातिकी क्रिया ये पांच भेद हैं । - Jain Education International क्रियाओं से स्पृष्ट-अस्पृष्ट की चौभंगीं जीवे णं भंते! जं समयं काइयाए अहिगरणियाए पाओसियाए किरियाए पुट्ठे तं समयं पारियावणियाए पुट्ठे, पाणाइवायकिरियाए पुट्ठे ? गोयमा ! अत्थेगइए जीवे एगइयाओ जीवाओ जं समयं काइयाए अहिगरणियाए पाओसियाए किरियाए पुट्ठे तं समयं पारियावणियाए किरियाए पुट्ठे, पाणाइवायकिरियाए पुट्ठे १, अत्थेगइए जीवे एगइयाओ जीवाओ जं समयं काइयाए अहिगरणियाए पाओसियाए किरियाए पुट्ठे तं समयं पारियावणियाए किरियाए पुट्ठे, पाणाइवायकिरियाए अपुट्ठे २, अत्थेगइए जीवे एगइयाओ जीवाओ जं समयं काइयाए अहिगरणियाए पाओसियाए किरियाए पुट्ठे तं समयं पारियावणियाए किरियाए अपुट्ठे, पाणाड़वाय किरियाए अपुट्ठे ३, अत्थेगइए जीवे एगइयाओ जीवाओ जं समयं काइयाए आहिगरणियाए पाओसियाए किरियाए अपुढे तं समयं परियावणियाए किरियाए अपुट्ठे पाणाइवाय किरियाए अपुट्ठे ४ ॥ ५९१ ॥ For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004096
Book TitlePragnapana Sutra Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2008
Total Pages358
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size8 MB
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