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बाईसवाँ क्रियापद - क्रियाओं के परस्पर सहभाव की विचारणा
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चौबीस दण्डकों में क्रियाएं कड़ णं भंते! किरियाओ पण्णत्ताओ? गोयमा! पंच किरियाओ पण्णत्ताओ। तंजहा-काइया जाव पाणाइवाय किरिया। भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन् ! क्रियाएं कितनी कही गई हैं? उत्तर - हे गौतम! क्रियाएँ पांच कही गई हैं, वे इस प्रकार हैं - कायिकी यावत् प्राणातिपातक्रिया। णेरइयाणं भंते! कइ करियाओ पण्णत्ताओ? गोयमा! पंच किरियाओ पण्णत्ताओ। तंजहा-काइया जाव पाणाइवाय किरिया। भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन् ! नैरयिकों के कितनी क्रियाएं कही गई हैं ?
उत्तर - हे गौतम! नैरयिकों में पांच क्रियाएं कही गई हैं वे इस प्रकार है - कायिकी यावत् प्राणातिपातक्रिया।
एवं जाव वेमाणियाणं।
भावार्थ - इसी प्रकार का क्रिया सम्बन्धी कथन असुरकुमार से लेकर वैमानिकों के सम्बन्ध में करना चाहिए। . विवेचन - प्रस्तुत सूत्र में बताया गया है कि किस जीव को कितनी क्रियाएं होती हैं ? समुच्चय जीव और चौबीस दण्डक में पांच क्रियाएं पाई जाती हैं।
. क्रियाओं के परस्पर सहभाव की विचारणा _ जस्स णं भंते! जीवस्स काइया किरिया कज्जइ तस्स अहिगरणिया किरिया कजइ, जस्स अहिगरणिया किरिया कजइ तस्स काइया किरिया कजइ? ___ गोयमा! जस्स णं जीवस्स काइया किरिया कज्जइ तस्स अहिगरणिया किरिया णियमा कज्जइ, जस्स अहिगरणिया किरिया कज्जइ तस्स वि काइया किरिया णियमा कज्जइ।
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन् ! जिस जीव के कायिकी क्रिया होती है, क्या उसके आधिकरणिकी क्रिया होती है ? तथा जिस जीव के आधिकरणिकी क्रिया होती है, क्या उसके कायिकी क्रिया होती है ?
उत्तर - हे गौतम! जिस जीव के कायिकी क्रिया होती है, उसके नियम से आधिकरणिकी क्रिया होती है और जिसके आधिकरणिकी क्रिया होती है, उसके भी नियम से कायिकी क्रिया होती है।
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