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छत्तीसवां समुद्घात पद- नैरयिक आदि भावों में वर्तते हुए एक-एक जीव के......
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भूतकाल की अपेक्षा अनन्त कषाय समुद्घात हुए हैं और भविष्य काल की अपेक्षा किसी के कषाय समुद्घात होते हैं और किसी के नहीं होते। जिसके होते हैं उसके कंदाचित् असंख्यात और कदाचित् अनन्त होते हैं ।
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असुरकुमारस्स णेरइयत्ते अतीता अणंता, पुरेक्खडा कस्सइ अत्थि कस्सइ णत्थि, जस्सऽत्थि सिय संखेज्जा, सिय असंखेज्जा सिय अनंता । असुरकुमारस्स असुरकुमारत्ते अतीता अनंता, पुरेक्खडा एगुत्तरिया, एवं नागकुमारत्ते जाव णिरंतरं वेमाणियत्ते जहा णेरइयस्स भणियं तहेव भाणियव्वं, एवं जाव थणियकुमारस्स वि वेमाणियत्ते, णवरं सव्वेसिं सट्ठाणे एगुत्तरियाए, परट्ठाणे जहेव असुरकुमारस्स ।
भावार्थ - असुरकुमार के नैरयिकत्व (नैरयिक पर्याय) में अतीत कषाय समुद्घात अनन्त होते हैं। अनागत कषाय समुद्घात किसी के होते हैं और किसी के नहीं होते। जिसके होते हैं उसके कदाचित् संख्यात, कदाचित् असंख्यात और कदाचित् अनन्त होते हैं। असुरकुमार के असुरकुमार पर्याय में अतीत कषाय समुद्घात अनन्त हैं और अनागत कषाय समुद्घात एक से लेकर कहने चाहिये। इसी प्रकार नागकुमार पर्याय से लगातार यावत् वैमानिक पर्याय तक जिस प्रकार नैरयिक के विषय में कहा है उसी प्रकार कह देना चाहिये। इसी प्रकार यावत् स्तनितकुमार तक भी यावत् वैमानिकत्व (वैमानिक पर्याय) में पूर्ववत् समझना चाहिये। किन्तु इतनी विशेषता है कि इन सब के स्वस्थान में अनागत कषाय समुद्घात एक से लगा कर अनन्त तक है और परस्थान में असुरकुमार के अनागत कषाय समुद्घात के समान हैं।
विवेचन प्रस्तुत सूत्र में असुरकुमारों के स्वस्थान और परस्थान की अपेक्षा कषाय समुद्घात का विचार किया गया है। असुरकुमारों का असुरकुमार पर्याय और नागकुमारों का नागकुमार पर्याय स्वस्थान हैं। शेष तेईस दण्डक परस्थान हैं। असुरकुमार के नैरयिकत्व (नैरयिक पर्याय) में कषाय समुद्घात अतीत काल में अनन्त होते हैं। भविष्यकाल में किसी के होते हैं किसी के नहीं होते। जो असुरकुमार के भव से निकल कर नरक में नहीं जाने वाला है उसके भविष्यं में कषाय समुद्घात नहीं होते। जो नरक में जाने वाला है उसके भी जघन्य से संख्यात होते हैं क्योंकि जघन्य स्थिति वाले नरकों में भी संख्यात कषाय समुद्घात होते हैं । उत्कृष्ट से असंख्यात और अनन्त होते हैं । उनमें भी जघन्य स्थिति वाले नस्कों में बारबार और दीर्घ स्थिति वाले नरकों में एक बार या अनेक बार जाने वाले के असंख्यात और अनन्त बार जाने वाले के अनन्त होते हैं ।
असुरकुमार के असुरकुमार पर्याय में भूतकाल में अनन्त कषाय समुद्घात हुए हैं और भविष्यकाल में एक से लगा कर अनन्त तक होते हैं अर्थात् अनागत काल में जिसके कषाय समुद्घात होते हैं उसके
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