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अट्ठाईसवाँ आहार पद प्रथम उद्देशक आहारार्थी आदि द्वार
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प्रश्न- आरणकल्प के देवों के आहार विषय में प्रश्न ?
उत्तर - हे गौतम! जघन्य बीस हजार वर्षों में और उत्कृष्ट इक्कीस हजार वर्षों में आहार की अभिलाषा उत्पन्न होती है।
प्रश्न- हे भगवन्! अच्युतकल्प के देवों को कितने समय में आहार की अभिलाषा उत्पन्न होती है ? उत्तर - हे गौतम! अच्युत कल्प के देवों को जघन्य २१ हजार वर्षों में और उत्कृष्ट २२ हजार वर्षों में आहार की अभिलाषा उत्पन्न होती है।
हिट्टिमहिट्ठिमगेविज्जगाणं पुच्छा ?
गोयमा! जहणणेणं बावीसाए वाससहस्साणं, उक्कोसेणं तेवीसाए वाससहस्साणं, एवं सव्वत्थ सहस्साणि भाणियव्वाणि जाव सव्वङ्कं ।
हिद्विममज्झिमगाणं पुच्छा ?
गया! जहां तेवीसाए, उक्कोसेणं चडवीसाए । हिट्टिमउवरिमाणं पुच्छा ?
गोयमा ! जहणणेणं चवीसाए, उक्कोसेणं पणवीसाए । मज्झिमहेट्टिमाणं पुच्छा ?
गोयमा! जहण्णेणं पणवीसाए, उक्कोसेणं छव्वीसाए । मज्झिममज्झिमाणं पुच्छा ?
गोयमा ! जहणणेणं छव्वीसाए, उक्कोसेणं सत्तावीसाए । मज्झिमउवरिमाणं पुच्छा ?
गया! जहणं सत्तावीसाए, उक्कोसेणं अट्ठावीसाए । उवरिमहेट्टिमाणं पुच्छा ?
गोयमा ! जहण्णेणं अट्ठावीसाए, उक्कोसेणं एगूणतीसाए । उवरिममज्झिमाणं पुच्छा ?
गोयमा! जहणेणं एगूणतीसाए, उक्कोसेणं तीसाए ।
उवरिमउवरिमाणं पुच्छा ?
गोयमा! जहणेणं तीसाए, उक्कोसेणं एगतीसाए ।
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