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चौबीसवां कर्मबंध पद
वरं मणूसा णं भंते! वेयणिज्जं कम्पं बंधमाणा कइ कम्मपगडीओ बंधंति ? गोयमा ! सव्वे वि ताव होज्जा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधंगा य १, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधए य २, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य ३, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य छव्विहबंध य ४, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य छव्विहबंधगा य ५, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधए य छव्विहबंधए य ६, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधए य छव्विहबंधगा य ७, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य य छव्विहबंधए य ८, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य छव्विहबंधगा य ९, एवं एए गव भंगा भाणियव्वा ॥ ६३५ ॥
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भावार्थ प्रश्न हे भगवन् ! विशेषता यह है कि मनुष्य वेदनीय कर्म को बांधते हुए कितनी कर्म प्रकृतियों को बांधते हैं ?
उत्तर - हे गौतम! १. सभी मनुष्य सात कर्म प्रकृतियों को बांधने वाले और एक प्रकृति को • बांधने वाले होते हैं २. अथवा बहुत सात कर्म प्रकृतियों को बांधने वाले, एक कर्म प्रकृति बांधने वाले और एक आठ कर्म प्रकृतियों को बांधने वाला होता है ३. अथवा बहुत सात कर्म बांधने वाले, एक कर्म बांधने वाले और आठ कर्म बांधने वाले होते हैं ४. अथवा बहुत सात कर्म बांधने वाले, एक कर्म बांधने वाले और एक छह कर्म बांधने वाला होता है ५. अथवा बहुत सात कर्म बांधने वाले, एक कर्म बांधने वाले और छह कर्म बांधने वाले होते हैं ६. अथवा सात कर्म बांधने वाले, एक कर्म बांधने वाले और एक आठ कर्म बांधने वाला और एक छह कर्म बांधने वाला होता है ७. अथवा बहुत सात कर्म बांधने वाले, एक कर्म बांधने वाले, एक आठ कर्म बांधने वाला और बहुत छह कर्म बांधने वाले होते हैं. ८. अथवा बहुत सात कर्म बांधने वाले, एक कर्म बांधने वाले, आठ कर्म बांधने वाले और एक छह कर्म बांधने वाला होता है ९. अथवा बहुत सात कर्म बांधने वाले एक कर्म बांधने वाले आठ कर्म बांधने वाले और छह कर्म बांधने वाले होते हैं, इस प्रकार ये नौ भंग होते हैं ।
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विवेचन प्रस्तुत सूत्र में वेदनीय कर्म कर्म बंध के साथ अन्य कर्म प्रकृतियों के बंध का निरूपण किया गया है। वेदनीय कर्म बंध के साथ कोई जीव सात कर्म बांधने वाला, कोई आठ कर्म बांधने वाला और कोई छह कर्म बांधने वाला होता है उपशांत मोह आदि वाला कोई एक ही कर्म • बांधने वाला भी होता है। मनुष्य के संबंध में भी इसी प्रकार समझना चाहिये। नैरयिक आदि जीव कोई सात कर्म के बंधक और कोई आठ कर्म के बंधक होते हैं।
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