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क्रम १.
कर्मप्रकृति का नाम ज्ञानावरणीय (पंचविध)
जघन्य स्थिति अन्तर्मुहूर्त
उत्कृष्ट स्थिति ३० कोड़ाकोड़ी सागरोपम
..
२.
दर्शनावरणीय निद्रापंचक
पल्योपम के असंख्यातवें भाग कम ३० कोड़ाकोड़ी सागरोपम सागरोपम के ३ भाग : अन्तर्मुहूर्त ..
३० कोड़ाकोड़ी सागरोपम
अबाधाकाल निषेककाल । ३ हजार वर्ष उत्कृष्ट स्थिति में ३
हजार वर्ष कम ३ हजार वर्ष उत्कृष्ट स्थिति में ३
हजार वर्ष कम ३ हजार वर्ष उत्कृष्ट स्थिति में ३
हजार वर्ष कम.
३.
दर्शनावरणीय दर्शनचतुष्क
४. .. सातावेदनीय कर्म
१र्यापथिकापेक्षा से
.
कासे
दो समय
दो समय
बारह मुहूर्त .
१५ कोड़ाकोड़ी सागरोपम
१५०० वर्ष
२ साम्परायिक बन्धक की अपेक्षा से असातावेदनीय कर्म
.
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उत्कृष्ट स्थिति में १५०० वर्ष कम उत्कृष्ट स्थिति में तीन
३००० वर्ष
हजार वर्ष कम
६.
सम्यक्त्व मोहनीय मिथ्यात्व मोहनीय
पल्योपम के असंख्यातवें भाग कम ३० कोड़ाकोड़ी सागरोपम सागरोपम का भाग अन्तर्मुहूर्त
कुछ अधिक ६६ सागरोपम पल्योपम का असंख्यातवां ७० कोड़ाकोड़ी सागरोपम भाग कम है. सागरोपम अन्तर्मुहूर्त . अन्तर्मुहूर्त पल्योपम के असंख्यातवें भाग कम ४० कोड़ाकोड़ी सागरोपम
७००० वर्ष
उत्कृष्ट स्थिति में से ७
हजार वर्ष कम
... ८.
. ९.
सम्यग्मिथ्यात्व मोहनीय . कषाय-द्वादशक
४००० वर्ष
उत्कृष्ट स्थिति में ४
(अनन्तानुबंधी, अप्रत्याख्यान सागरोपम
हजार वर्ष कम
१०.
प्रत्याख्यानावरण) संज्वलनक्रोध मोहनीय
दो मास
४० कोड़ाकोड़ी सागरोपम
४००० वर्ष
उत्कृष्ट स्थिति में से ४ हजार वर्ष कम
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