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प्रज्ञापना सूत्र.
गोयमा! पंचविहे पण्णत्ते । तंजहा - काल वण्ण परिणामे जाव सुक्किल्ल वण्ण
परिणामे ५ ।
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन् ! वर्ण परिणाम कितने प्रकार का कहा गया है ?
उत्तर - हे गौतम! वर्ण परिणाम पांच प्रकार का कहा गया है। वह इस प्रकार है - १. कृष्ण वर्ण परिणाम २. नील वर्ण परिणाम ३. रक्त वर्ण परिणाम ४. पीत वर्ण परिणाम और ५. शुक्ल (श्वेत) वर्ण परिणाम |
गंध परिणामे णं भंते! कइविहे पण्णत्ते ?
गोमा ! दुविहे पण्णत्ते । तंजहा - सुब्भिगंध परिणामे य दुब्भिगंध परिणामे
य ६।
भावार्थ - हे भगवन् ! गन्ध परिणाम कितने प्रकार का कहा गया है ?
उत्तर - हे गौतम! गन्ध परिणाम दो प्रकार का कहा गया है, वह इस प्रकार है- सुगन्ध परिणाम और दुर्गन्ध परिणाम ।
रस परिणामे णं भंते! कइविहे पण्णत्ते ?
गोमा ! पंचविहे पण्णत्ते । तंजा - तित्त रस परिणामे जाव महुर रस परिणामे ७ । भावार्थ- प्रश्न - हे भगवन् ! रस परिणाम कितने प्रकार का कहा गया है ?
उत्तर - हे गौतम! रस परिणाम पांच प्रकार का कहा गया है। वह इस प्रकार है १. तिक्त (तीखा) रस परिणाम २. कटु (कड़वा) रस परिणाम ३. कषाय (कषैला) रस परिणाम ४. अम्ल (खट्टा) रस परिणाम और ५. मधुर (मीठा ) रसपरिणाम ।
फास परिणामे णं भंते! कइविहे पण्णत्ते ?
गोयमा! अट्ठविहे पण्णत्ते । तंजहा - कक्खड फास परिणामे य जाव लुक्ख फास परिणामे य ८ ।
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन् ! स्पर्श परिणाम कितने प्रकार का कहा गया है ?
उत्तर - हे गौतम! स्पर्श परिणाम आठ प्रकार का कहा गया है। वह इस प्रकार है - १. कर्कश (कठोर) स्पर्श परिणाम २. मृदु (कोमल) स्पर्श परिणाम ३. गुरु (भारी) स्पर्श परिणाम ४. लघु ( हलका) स्पर्श परिणाम ५. उष्ण (गरम) स्पर्श परिणाम ६. शीत ( ठण्डा) स्पर्श परिणाम ७. स्निग्ध (चीकणा) स्पर्श परिणाम और ८. रूक्ष (लूखा) स्पर्श परिणाम ।
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