________________
सत्तरहवाँ लेश्या पद-चतुर्थ उद्देशक - अल्पबहुत्व द्वार
२२५
जहण्णगा सुक्कलेस्सठाणा पएसट्टयाए असंखिज्ज गुणा, जहण्णएहितो सुक्कलेस्सठाणेहिंतो पएसट्टयाए उक्कोसा काउलेस्सठाणा पएसट्टयाए असंखिज्ज गुणा, उक्कोस्सया णीललेस्सठाणा पएसट्टयाए असंखिज्ज गुणा, एवं कण्हतेउपम्हलेस्सट्टाणा, उक्कोस्सया सुक्कलेस्सठाणा पएसट्टयाए असंखिज गुणा॥५२७॥
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन्! इस कृष्ण लेश्या यावत् शुक्ल लेश्या के जघन्य और उत्कृष्ट स्थानों में द्रव्य की अपेक्षा से, प्रदेशों की अपेक्षा से तथा द्रव्य और प्रदेशों (उभय) की अपेक्षा से कौन, किससे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं?
उत्तर - हे गौतम! सबसे थोड़े द्रव्य की अपेक्षा से कापोत लेश्या के जघन्य स्थान हैं, उनसे नील लेश्या के जघन्य स्थान द्रव्य की अपेक्षा से असंख्यात गुणा हैं, इस प्रकार कृष्ण लेश्या, तेजो लेश्या, पद्म लेश्या और शुक्ल लेश्या के जघन्य स्थान द्रव्य की अपेक्षा से उत्तरोत्तर असंख्यात गुणा हैं। द्रव्य की अपेक्षा से जघन्य शुक्ल लेश्या स्थानों से उत्कृष्ट कापोत लेश्या स्थान असंख्यात गुणा हैं, उनसे नील :. लेश्या के उत्कृष्ट स्थान द्रव्य की अपेक्षा से असंख्यात गुणा हैं, इसी प्रकार कृष्ण लेश्या, तेजो लेश्या, . पद्म लेश्या और शुक्ल लेश्या के उत्कृष्ट स्थान उत्तरोत्तर द्रव्य की अपेक्षा से असंख्यात गुणा हैं। ... प्रदेशों की अपेक्षा से सबसे कम कापोत लेश्या के जघन्य स्थान हैं, उनसे नील लेश्या के जघन्य स्थान प्रदेशों की अपेक्षा से असंख्यात गुणा हैं, इसी प्रकार जैसे द्रव्य की अपेक्षा से अल्पबहुत्व का कथन किया गया है, वैसे ही प्रदेशों की अपेक्षा से भी अल्पबहुत्व कहना चाहिए। विशेषता यह है कि
यहाँ 'प्रदेशों की अपेक्षा से' ऐसा कथन करना चाहिए। द्रव्य और प्रदेशों की अपेक्षा से सबसे थोड़े ... कापोत लेश्या के जघन्य स्थान द्रव्य की अपेक्षा से हैं, उनसे नील लेश्या के जघन्य स्थान द्रव्य की
अपेक्षा से असंख्यात गुणा हैं, इसी प्रकार कृष्ण लेश्या, तेजो लेश्या, पद्म लेश्या और शुक्ल लेश्या के जघन्य स्थान द्रव्य की अपेक्षा से उत्तरोत्तर असंख्यात गुणा हैं। द्रव्य की अपेक्षा से जघन्य शुक्ल लेश्या स्थानों से उत्कृष्ट कापोत लेश्या स्थान असंख्यात गुणा हैं, उनसे नील लेश्या के उत्कृष्ट स्थान द्रव्य की अपेक्षा से असंख्यात गुणा हैं, इसी प्रकार कृष्ण लेश्या, तेजो लेश्या, पद्म लेश्या और शुक्ल लेश्या के जघन्य स्थान द्रव्य की अपेक्षा से उत्तरोत्तर असंख्यात गुणा हैं। द्रव्य की अपेक्षा से जघन्य शुक्ल लेश्या स्थानों से उत्कृष्ट कापोत लेश्या स्थान असंख्यात गुणा हैं, उनसे नील लेश्या के उत्कृष्ट स्थान द्रव्य की अपेक्षा से असंख्यात गुणा हैं, इसी प्रकार कृष्ण लेश्या, तेजो लेश्या, पद्म लेश्या एवं शुक्ल लेश्या के उत्कृष्ट स्थान द्रव्य की अपेक्षा से उत्तरोत्तर असंख्यात गुणा हैं। द्रव्य की अपेक्षा से उत्कृष्ट शुक्ल लेश्या स्थानों से जघन्य कापोत लेश्या स्थान प्रदेशों की अपेक्षा से अनन्त गुणा हैं, उनसे जघन्य नील लेश्या प्रदेशों की अपेक्षा से असंख्यात गुणा हैं, इसी प्रकार कृष्ण लेश्या, तेजो लेश्या, पद्म लेश्या एवं शुक्ल
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org