________________
१८०
प्रज्ञापना सूत्र
उत्तर - हे गौतम! सबसे थोड़ी कापान लेश्या वाली देवियाँ हैं, उनसे नील लेश्या वाली देवियाँ विशेषाधिक हैं, उनसे कृष्ण लेश्या वाली देवियां विशेषाधिक हैं और उनसे भी तेजो लेश्या वाली देवियां संख्यात गुणी हैं।
विवेचन - प्रस्तुत सूत्र में देवी संबंधी अल्पबहुत्व कहा गया है जो इस प्रकार है-सबसे थोड़ी देवियाँ कापोत लेश्या वाली है क्योंकि कितनीक भवनपति और वाणव्यंतर की देवियों में कापोत लेश्या होती है। उनसे नील लेश्या वाली देवियाँ विशेषाधिक है क्योंकि बहुत-सी भवनपति और वाणव्यंतर देवियों में नील लेश्या संभव है। उनसे भी कृष्ण लेश्या वाली विशेषाधिक है क्योंकि अधिकांश देवियों में कृष्ण लेश्या होती है। उनसे भी तेजो लेश्या वाली देवियाँ संख्यात गुणी हैं क्योंकि ज्योतिषियों सौधर्म और ईशान देवलोक की सभी देवियों में तेजो लेश्या होती हैं। ___ दूसरे देवलोक तक ही देवियाँ पाई जाती है इससे आगे के देवलोकों में नहीं अत: उनमें चार लेश्याएं ही होती है। इसीलिए सूत्रकार ने 'जाव तेउलेसाण य' यावत् तेजो लेश्या वाली यह पाठ श्री कहा है। ... एएसि णं भंते! देवाणं देवीण य कण्हलेस्साणं जाव सुक्कलेस्साण य कयरे कयरहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा? ___गोयमा! सव्वत्थोवा देवा सुक्कलेस्सा, पम्हलेस्सा असंखिज्ज गुणा, काउलेस्सा असंखिज गुणा, णीललेस्सा विसेसाहिया, कण्हलेस्सा विसेसाहिया, काउलेस्साओ देवीओ संखिजगुणाओ, णीललेस्साओ विसेसाहियाओ,. कण्हलेस्साओ विसेसाहियाओ, तेउलेस्सा देवा संखिज गुणा, तेउलेस्साओ देवीओ संखिजगुणाओ॥ ४९१॥
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन्! इन कृष्ण लेश्या वाले यावत् शुक्ल लेश्या वाले देवों और देवियों में से कौन, किनसे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ?
उत्तर - हे गौतम! सबसे थोड़े शुक्ल लेश्या वाले देव हैं, उनसे पद्म लेश्या वाले देव असंख्यात गुणा हैं, उनसे कापोत लेश्या वाले देव असंख्यात गुणा हैं, उनसे नील लेश्या वाले देव विशेषाधिक हैं, उनसे कृष्ण लेश्या वाले देव विशेषाधिक हैं, उनसे कापोत लेश्या वाली देवियाँ संख्यात गुणी हैं, उनसे नील लेश्या वाली देवियाँ विशेषाधिक हैं, उनसे कृष्ण लेश्या वाली देवियाँ विशेषाधिक हैं, उनसे तेजो लेश्या वाले देव संख्यात गुणा हैं, उनसे भी तेजो लेश्या वाली देवियाँ संख्यात गुणी हैं। - विवेचन - प्रस्तुत सूत्र में देव और देवियों का शामिल अल्पबहुत्व कहा गया है - सबसे थोड़े शुक्ल लेश्या वाले देव हैं, उनसे पद्म लेश्या वाले देव असंख्यात गुणा हैं, उनसे कापोत लेश्या वाले देव असंख्यात गुणा हैं, उनसे नील लेश्या वाले देव विशेषाधिक हैं उनसे भी कृष्ण लेश्या वाले देव
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org