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________________ ग्यारहवाँ भाषा पद - मंदकुमार आदि की भाषा ३३३ फिर भी उनका मन रूप करण अभी तक असमर्थ है और मन करण असमर्थ होने से उनका क्षयोपशम भी मन्द होता है क्योंकि श्रुत ज्ञानावरण कर्म का क्षयोपशम प्रायः मन रूप करण के सामर्थ्य के आश्रय से उत्पन्न होता है ऐसा लोक में देखा जाता है। अह भंते! उट्टे गोणे खरे घोडए अए एलए जाणइ बुयमाणे-अहमेसे बुयामि? गोयमा! णो इणद्वे समझे, णण्णत्थ सण्णिणो। कठिन शब्दार्थ - उट्टे - ऊँट, गोणे - बैल, खरे - गधा, घोडए - घोड़ा, अए - अज (बकरा), एलए - एलक (भेड़)। भावार्थ - हे भगवन्! ऊँट, बैल, गधा, घोड़ा, बकरा और भेड़ क्या बोलता हुआ यह जानता है कि मैं यह बोल रहा हूँ। उत्तर - हे गौतम ! सिवाय संज्ञी के यह अर्थ समर्थ नहीं है। अर्थात् संज्ञी जान सकता है। अह भंते! उट्टे जाव एलए जाणइ आहारं आहारेमाणे-अहमेसे आहारेमि? गोयमा! णो इणढे समढे, णण्णत्थ सण्णिणो। भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन् ! ऊँट यावत् भेड़ आहार करता हुआ यह जानता है कि मैं यह आहार करता हूँ? उत्तर - हे गौतम! सिवाय संज्ञी के यह अर्थ समर्थ नहीं है। अर्थात् संज्ञी जान सकता है। अह भंते! उट्टे गोणे खरे घोडए अए एलए जाणइ-अयं मे अम्मापियरो? गोयमा! णो इणटे समटे, णण्णत्थ सणिणो। भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन् ! ऊँट, बैल, गधा, घोड़ा, बकरा और भेड़ क्या यह जानता है कि ये मेरे माता-पिता हैं ? . उत्तर - हे गौतम! सिवाय संज्ञी के यह अर्थ समर्थ नहीं है। अर्थात् संज्ञी जान सकता है। अह भंते! उट्टे जाव एलए जाणइ-अयं मे अइराउलेत्ति? गोयमा! णो इणढे समढे, णण्णत्थ सण्णिणो। भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन् ! ऊँट यावत् भेड़ यह जानता है कि यह मेरे स्वामी का घर है ? उत्तर - हे गौतम! सिवाय संज्ञी के यह अर्थ समर्थ नहीं है। अर्थात् संज्ञी जान सकता है। अह भंते! उट्टे जाव एलए जाणइ-अयं मे भट्टिदारए भट्टिदारए? गोयमा! णो इणटे समढे, णण्णत्थ सण्णिणो॥३८२॥ . भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन् ! ऊँट यावत् भेड़ यह जानता है कि यह मेरे स्वामी का पुत्र है? Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004094
Book TitlePragnapana Sutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2008
Total Pages414
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size9 MB
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