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________________ २० प्रज्ञापना सूत्र गोयमा! जहणणेण वि अंतोमुहुत्तं उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहणेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिण्णि वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तूणाई । सुहुमवाउकाइयाणं पुच्छा ? गोयमा! जहण्णेण वि अंतोमुहुत्तं उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । अपज्जत्तयाणं पुच्छा ? गोयमा ! जहणेण वि अंतोमुहुत्तं उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयाणं पुच्छा? गोमा ! जहणेण वि अंतोमुहुत्तं उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन्! वायुकायिक जीवों की स्थिति कितने कालं की कही गई है ? उत्तर - हे गौतम! जघन्य अन्तर्मुहूर्त्त की और उत्कृष्ट तीन हजार वर्ष की कही गई है। प्रश्न - हे भगवन् ! अपर्याप्तक वायुकायिकों की स्थिति कितने काल की कही गई है ? उत्तर - हे गौतम! जघन्य अन्तर्मुहूर्त की और उत्कृष्ट भी अन्तर्मुहूर्त की कही गई है। प्रश्न - हे भगवन् ! पर्याप्तक वायुकायिकों की स्थिति कितने काल की कही गई है ? उत्तर - हे गौतम! पर्याप्तक वायुकायिकों की स्थिति जघन्य अन्तर्मुहूर्त्त और उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त्त कम तीन हजार वर्ष की कही गई है। प्रश्न - हे भगवन्! सूक्ष्म वायुकायिकों की स्थिति कितने काल की कही गई है ? उत्तर - हे गौतम! सूक्ष्म वायुकायिकों की जघन्य और उत्कृष्ट स्थिति अन्तर्मुहूर्त्त की कही गई है। प्रश्न - हे भगवन्! अपर्याप्तक सूक्ष्म वायुकायिकों की स्थिति कितने काल की कही गई है ? उत्तर - हे गौतम! जघन्य अन्तर्मुहूर्त की और उत्कृष्ट भी अन्तर्मुहूर्त की कही गई है। प्रश्न - हे भगवन् ! पर्याप्तक सूक्ष्म वायुकायिकों की स्थिति कितने काल की कही गई है ? उत्तर - हे गौतम! पर्याप्तक सूक्ष्म वायुकायिकों की स्थिति जघन्य अन्तर्मुहूर्त की और उत्कृष्ट भी अन्तर्मुहूर्त की कही गई है। बायरवाउकाइयाणं पुच्छा ? गोयमा ! जहणेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिण्णि वाससहस्साइं । -अपज्जत्तयाणं पुच्छा ? गोयमा! जहण्णेण वि अंतोमुहुत्तं उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । Jain Education International ◆◆00000000000000 For Personal & Private Use Only E www.jainelibrary.org
SR No.004094
Book TitlePragnapana Sutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2008
Total Pages414
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size9 MB
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