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________________ १० प्रज्ञापना सूत्र गोयमा! जहणेणं दस वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई । भावार्थ - प्रश्न हे भगवन्! देवों की स्थिति कितने काल की कही गई है ? - उत्तर - हे गौतम! देवों की स्थिति जघन्य दस हजार वर्ष की और उत्कृष्ट तेतीस सागरोपम की कही गई है। प्रश्न - हे भगवन् ! अपर्याप्तक देवों की स्थिति कितने काल की कही गई है ? उत्तर हे गौतम! जघन्य अन्तर्मुहूर्त की कही गई है और उत्कृष्ट भी अन्तर्मुहूर्त की कही - ◆◆◆◆◆◆◆◆◆00000000000 गई है। प्रश्न - हे भगवन् ! पर्याप्तक देवों की कितने काल की स्थिति कही गई है ? उत्तर - हे गौतम! पर्याप्तक देवों की स्थिति जघन्य अन्तर्मुहूर्त्त कम दस हजार वर्ष की और उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त्त कम तेतीस सागरोपम की कही गई है। देवीणं भंते! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं दस वाससहस्साइं, उक्कोसेणं पणपण्णं पलिओवमाई | Jain Education International अपज्जत्तिय देवीणं भंते! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा! जहण्णेण वि अंतोमुहुत्तं उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तिय देवीणं भंते! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहणेणं दस वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं पणपणं पलिओवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई ॥ २२० ॥ भावार्थ प्रश्न हे भगवन्! देवियों की स्थिति कितने काल की कही गई है ? - उत्तर - हे गौतम! देवियों की स्थिति जघन्य दस हजार वर्ष की और उत्कृष्ट पचपन पल्योपम की कही गई है। प्रश्न - हे भगवन्! अपर्याप्तक देवियों की स्थिति कितने काल की कही गई है ? उत्तर - हे गौतम! जघन्य अन्तर्मुहूर्त की और उत्कृष्ट भी अन्तर्मुहूर्त्त की कही गई है। प्रश्न - हे भगवन् ! पर्याप्तक देवियों की स्थिति कितने काल की कही गई है ? उत्तर - हे गौतम! पर्याप्तक देवियों की स्थिति जघन्य अंतर्मुहूर्त्त कम दस हजार वर्ष की और उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त्त कम पचपन पल्योपम की कही गई है। भवणवासीणं देवाणं भंते! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004094
Book TitlePragnapana Sutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2008
Total Pages414
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size9 MB
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