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________________ ३८८ प्रज्ञापना सूत्र ************* ************************************************************* पुद्गल द्रव्य की अपेक्षा अनन्त गुणा ३. संख्यात गुण काले वर्ण के पुद्गल द्रव्य की अपेक्षा संख्यात गुणा ४. असंख्यात गुण काले वर्ण के पुद्गल द्रव्य की अपेक्षा असंख्यात गुणा। ३. सबसे थोड़े अनन्त गुण काले वर्ण के पुद्गल प्रदेश की अपेक्षा २. एक गुण काले वर्ण के पुद्गल अप्रदेश की अपेक्षा अनन्त गुणा ३. संख्यात गुण काले वर्ण के पुद्गल प्रदेश की अपेक्षा संख्यात गुणा ४. असंख्यात गुण काले वर्ण वाले पुद्गल प्रदेश की अपेक्षा असंख्यात गुणा। द्रव्य प्रदेश की अपेक्षा सम्मिलित अल्पबहुत्व १. सबसे थोड़े अनन्त गुण काले वर्ण के पुद्गल द्रव्य की अपेक्षा २. अनन्त गुण काले वर्ण के पुद्गल प्रदेश की अपेक्षा अनन्त गुणा ३. एक गुण काले वर्ण के पुद्गल द्रव्य और अप्रदेश की अपेक्षा अनन्त गुणा ४. संख्यात गुण काले वर्ण के पुद्गल द्रव्य की अपेक्षा संख्यात गुणा ५. संख्यात गुण काले वर्ण के पुद्गल प्रदेश की अपेक्षा संख्यात गुणा ६. असंख्यात गुण काले वर्ण के पुद्गल द्रव्य की अपेक्षा असंख्यात गुणा ७. असंख्यात गुण काले वर्ण के पुद्गल प्रदेश की अपेक्षा असंख्यात गुणा। काले वर्ण की ऊपर द्रव्य, प्रदेश और द्रव्य प्रदेश की अपेक्षा तीन अल्पबहुत्व कहा गया, उसी तरह शेष चार वर्ण, दो गंध और पांच रस प्रत्येक का तीन-तीन अल्पबहुत्व कहना चाहिए। इस तरह पांच वर्ण, दो गंध और पांच रस के ३६ अल्पबहुत्व हुये। __ आठ स्पर्श के चौबीस अल्पबहुत्व - कर्कश स्पर्श के पुद्गलों की तरह द्रव्य, प्रदेश और द्रव्य प्रदेश की अपेक्षा अल्पबहुत्व-- १. सबसे थोड़े एक गुण कर्कश पुद्गल द्रव्य की अपेक्षा २. संख्यात गुण कर्कश पुद्गल द्रव्य की अपेक्षा संख्यात गुणा ३. असंख्यात गुण कर्कश पुद्गल द्रव्य की अपेक्षा असंख्यात गुणा ४. अनन्त गुण कर्कश पुद्गल द्रव्य की अपेक्षा अनन्त गुणा। २. सबसे थोड़े एक गुण कर्कश पुद्गल अप्रदेश की अपेक्षा २. संख्यात गुण कर्कश पुद्गल प्रदेश की अपेक्षा संख्यात गुणा ३. असंख्यात गुण कर्कश पुद्गल प्रदेश की अपेक्षा असंख्यात गुणा ४. अनन्त गुण कर्कश पुद्गल प्रदेश की अपेक्षा अनन्त गुणा। ३. सबसे थोड़े एक गुण कर्कश पुद्गल द्रव्य अप्रदेश की अपेक्षा २. संख्यात गुण कर्कश पुद्गल द्रव्य की अपेक्षा संख्यात गुणा ३. संख्यात गुण कर्कश पुद्गल प्रदेश की अपेक्षा संख्यात गुणा ४. असंख्यात गुण कर्कश पुद्गल द्रव्य की अपेक्षा असंख्यात गुणा ५. असंख्यात गुण कर्कश पुद्गल प्रदेश की अपेक्षा असंख्यात गणा ६. अनन्त गण कर्कश पदगल द्रव्य की अपेक्षा अनन्त गणा ७. अनन्त ग कर्कश पुद्गल प्रदेश की अपेक्षा अनन्त गुणा । जिस तरह कर्कश का ऊपर तीन अल्पबहुत्व कहा गया, उसी तरह मृदु, गुरु, लघु का तीन-तीन अल्पबहुत्व कह देना चाहिए। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004093
Book TitlePragnapana Sutra Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2008
Total Pages414
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size9 MB
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