________________
१३८
प्रज्ञापना सूत्र
*********
*************************************************************************
से किं तं छउमत्थ खीण कसाय वीयराय चरित्तारिया? छउमत्थ खीण कसाय वीयराय चरित्तारिया दुविहा पण्णत्ता। तंजहा - सयंबुद्ध छउमस्थ खीण कसाय वीयराय चरित्तारिया य बुद्धबोहिय छउमत्थ खीण कसाय वीयराय चरित्तारिया य।
से किं तं सयंबुद्ध छउमत्थ खीण कसाय वीयराय चरित्तारिया? सयंबुद्ध छउमत्थ खीण कसाय वीयराय चरित्तारिया दुविहा पण्णत्ता। तंजहा - पढम समय सयंबुद्ध छउमत्थ खीण कसाय वीयराय चरित्तारिया य अपढम समय सयंबुद्ध छउमत्थ खीण कसाय वीयराय चरित्तारिया य। अहवा चरिम समय सयंबुद्ध छउमत्थ खीण कसाय वीयराय चरित्तारिया य अचरिम समय सयंबुद्ध छउमत्थ खीण कसाय वीयराय चरित्तारिया य।
प्रश्न - स्वयंबुद्ध किसे कहते हैं ? तथा स्वयंबुद्ध छद्मस्थ क्षीण कषाय वीतराग चारित्र आर्य कितने प्रकार के कहे गये हैं?
उत्तर - दूसरे के उपदेश के बिना स्वमेव बोध प्राप्त कर मोक्ष जाने वाले स्वयं बुद्ध कहलाते हैं। स्वयंबुद्ध छद्मस्थ क्षीण कषाय वीतराग चारित्र आर्य दो प्रकार के कहे गये हैं। यथा - प्रथम समय स्वयंबुद्ध छद्मस्थ क्षीण कषाय वीतराग चारित्र आर्य और अप्रथमसमय स्वयंबुद्ध छद्मस्थ क्षीण कषाय वीतराग चारित्र आर्य। अथवा चरमसमय स्वयंबद्ध छदमस्थ क्षीण कषाय वीतराग चारित्र आर्य और अचरमसमय स्वयंबुद्ध छद्मस्थ क्षीण कषाय वीतराग चारित्र आर्य।
से किं तं बुद्धबोहिय छउमत्थ खीण कसाय वीयराय चरित्तारिया? बुद्धबोहिय छउमत्थ खीण कसाय वीयराय चरित्तारिया दुविहा पण्णत्ता। तंजहा - पढम समय बुद्धबोहिय छउमत्थ खीण कसाय वीयराय चरित्तारिया य अपढम समय बुद्धबोहिय छउमत्थ खीण कसाय वीयराय चरित्तारिया य अहवा चरिम समय बुद्धबोहिय छउमत्थ खीण कसाय वीयराय चरित्तारिया य अचरिम समय बुद्धबोहिय छउमत्थ खीण कसाय वीयराय चरित्तारिया य।
से तं बुद्धबोहिय छउमत्थ खीण कसाय वीयराय चरित्तारिया। से तं छउमत्थ खीण कसाय वीयराय चरित्तारिया। . प्रश्न - बुद्धबोधित किसे कहते हैं तथा बुद्धबोधित छद्मस्थ क्षीण कषाय वीतराग चारित्र आर्य कितने प्रकार के कहे गये हैं?
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org