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प्रथम प्रज्ञापना पद - पंचेन्द्रिय जीव प्रज्ञापना
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तंजहा - इत्थी, पुरिसा, णपुंसगा। एएसि णं एवमाइयाणं खहयर पंचिंदिय तिरिक्ख जोणियाणं पज्जत्तापजत्ताणं बारस जाइ कुलकोडि जोणि प्यमुह सयसहस्सा भवंतीति मक्खायं।
सत्तट्ट जाइकुलकोडि लक्ख णव अद्धतेरसाइं च। दस दस य होंति णवगा तह बारस चेव बोद्धव्वा।
से तं खहयर पंचिंदिय तिरिक्ख जोणिया। से तं पंचिंदिय तिरिक्ख जोणिया॥५७॥
कठिन शब्दार्थ - चम्मपक्खी - चर्म पक्षी, लोमपक्खी - लोम (रोम) पक्षी, समुग्गपक्खी - समुद्गक पक्षी, विययपक्खी - वितत पक्षी।
भावार्थ - प्रश्न - खेचर-पंचेन्द्रिय-तिर्यंच योनिक कितने प्रकार के कहे गये हैं?
उत्तर - खेचर-पंचेन्द्रिय-तिर्यंच योनिक चार प्रकार के कहे गये हैं। वे इस प्रकार हैं - १. चर्म पक्षी २. लोम पक्षी ३. समुद्गक पक्षी ४. वितत पक्षी। . प्रश्न - चर्म पक्षी कितने प्रकार के कहे गये हैं ?
उत्तर - चर्मपक्षी अनेक प्रकार के कहे गये हैं। वे इस प्रकार हैं - वल्गुली (चमगादड) जलौका, अडिल्ल, भारण्ड पक्षी, जीवंजीव, समुद्रवायस (समुद्री कौए), कर्णत्रिक पक्षी, विडाली पक्षी (विरालिका). इसी प्रकार के अन्य जो पक्षी हों उन्हें चर्मपक्षी समझना चाहिये। इस प्रकार चर्म पक्षी कहे गये हैं। २ प्रश्न - लोम (रोम) पक्षी कितने प्रकार के कहे गये हैं ?
उत्तर - लोम (रोम) पक्षी अनेक प्रकार के कहे गये हैं। वे इस प्रकार हैं - ढंक, कंक, कुरल वायस (कौआ) चक्रवाक, हंस, कलहंस, राजहंस, पादहंस, आड, सेडी, बक (बगुला) बलाका पारिप्लव, क्रौंच, सारस, मेसर, मसूर, मयूर (मोर), सप्तहस्त, गहर, पौण्डरिक, काक, कामिंजुय, वंजुलक, तीतर, वर्तक (बतक), लावक, कपोत, कपिंजल, पारावत (कबूतर), चिटक (चिड़िया), चाष (नीलकंठ) कुक्कुट (मुर्गा), शुक (तोता), बी (मोर विशेष), मदनशलाका (मैना-मादा तोता), कोकिल (कोयल), सेह और वरिल्लक (बाजपक्षी) आदि। यह रोमपक्षी का वर्णन हुआ।
प्रश्न - समुद्गक पक्षी कितने प्रकार के कहे गये हैं ?
उत्तर - समुद्गक पक्षी एक ही आकार प्रकार के कहे गये हैं। वे यहाँ (मनुष्य क्षेत्र में) नहीं होते, बाहर के द्वीप समुद्रों में होते हैं। यह समुद्गक पक्षी का वर्णन हुआ।
प्रश्न - वितत पक्षी कितने प्रकार के कहे हैं ?
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