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भगवती सूत्र - श. ३५ अवान्तर शतक ६
उत्तर - गोयमा ! णो इट्टे समट्ठे, सेसं तहेव ॥३५-५ ॥
|| पणतीस मे सए पंचमं एगिंदियमहाजुम्मसयं समत्तं ॥
भावार्थ - १ प्रश्न - हे भगवन् ! भवसिद्धिक कृतयुग्मकृतयुग्म राशि एकेन्द्रिय जीव कहां से आते हैं ?
१ उत्तर - हे गौतम ! औधिक शतक के अनुसार । इनके ग्यारह उद्देशकों में
प्रश्न - हे भगवन् ! क्या सर्वप्राण यावत् सर्वसत्त्व भवसिद्धिक कृतयुग्मकृतयुग्म राशि एकेन्द्रियपने पहले उत्पन्न हुए हैं ।
उत्तर - हे गौतम! यह अर्थ समर्थ नहीं है ।
अवांतर शतक ६
१ प्रश्न - कण्हलेस - भवसिद्धिय· कडजुम्म· कडजुम्म एगिंदिया भंते! कओहिंतो उववज्जंति ?
११ उत्तर - एवं कण्हलेस्सभवसिद्धियए गिदिएहि वि सयं बिइयसय कण्हलेस्ससरिसं भाणियव्वं ॥ ३५-६ ।।
॥ पणतीसहमे सए छ एगिंदियमहाजुम्मसयं समत्तं ॥
भावार्थ - १ प्रश्न - हे भगवन् ! कृष्णलेश्या वाले भवसिद्धिक कृतयुग्मकृतयुग्म राशि एकेन्द्रिय जीव कहाँ से आते हैं ?.
१ उत्तर - हे गौतम ! कृष्णलेश्या वाले भवसिद्धिक एकेन्द्रिय के विषय में कृष्णलेश्या के दूसरे शतक के समान यह शतक भी कहना चाहिये ।
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