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________________ भगवती सूत्र-श. ३५ अवान्तर शतक, १ उ. ३-११ ३७४९ १ उत्तर-हे गौतम ! प्रथम समय सम्बन्धी उद्देशक के अनुसार ।३५-१-६। १ प्रश्न-पढमअपढमसमयकडजुम्मकडजुम्मएगिंदिया णं भंते ! कओ उववज्जति ? १ उत्तर-जहा पढमसमयउद्देसो तहेव भाणियब्वो॥३५-१-७॥ भावार्थ-१ प्रश्न-हे भगवन् ! प्रथम-अप्रथम समय के कृतयुग्मकृतयुग्म राशि एकेन्द्रिय जीव कहां से आते हैं ? १ उत्तर-हे गौतम ! प्रथम समय उद्देशक के अनुसार । ३५-१-७ । १ प्रश्न-पढमचरमसमयकडजुम्मकडजुम्मएगिदिया णं भंते ! कओ उववज्जति ? , १ उत्तर-जहा चरमुद्देसओ तहेव णिरवसेसं ॥ ३५-१-८॥ भावार्थ-१ प्रश्न-हे भगवन् ! प्रथम-चरम समय के कृतयुग्मकृतयुग्म राशि एकेन्द्रिय जीव कहां से आते हैं ? १ उत्तर-हे गौतम ! चरम उद्देशक के अनुसार । ३५-१-८ । १ प्रश्न-पढमअचरमसमयकडजुम्मकडजुम्मएगिंदिया णं भंते ' कओ उववज्जति' १ उत्तर-जहा बीओ उद्देसओ तहेव गिरवसेसं ॥३५-१-९॥ भावार्थ-१ प्रश्न-हे भगवन् ! प्रथम-अचरम समय के कृतयुग्मकृतयुग्म राशि एकेन्द्रिय जीव कहाँ से आते है ? १ उत्तर-हे गौतम ! दूसरे उद्देशक के अनुसार । ३५-१-९। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004092
Book TitleBhagvati Sutra Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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