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________________ ३६६४ भगवती सूत्र-श. ३३ अवान्तर शतक ? ८ उत्तर-एवं चेव । एवं एएणं कमेणं जाव बायरवणस्सहकाइयाणं पजत्तगाणं ति। भावार्थ-८ प्रश्न-हे भगवन् ! पर्याप्त बादर पृथ्वीकायिक जीव के कितनी कमप्रकृतियां कही हैं ? । ८ उत्तर-हे गौतम ! पूर्ववत् । इसी प्रकार इसी क्रम से यावत् पर्याप्त बादर वनस्पतिकायिक पर्यन्त । ९ प्रश्न-अपजत्तसुहुमपुढविकाइयाणं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ बंधति ? ९ उत्तर-गोयमा ! सत्तविहबंधगा वि, अट्टविहबंधगा वि । सत्त बंधमाणा आउयवजाओ सत्त कम्मप्पगडीओ बंधति, अट्ठ बंधमाणा पडिपुण्णाओ अट्ट कम्मप्पगडीओ बंधति । भावार्थ-९ प्रश्न-हे भगवन् ! अपर्याप्त सूक्ष्म पृथ्वीकायिक जीव कितनी कर्मप्रकृतियां बांधते हैं ? ९ उत्तर-हे गौतम ! सात कर्म-प्रकृतियां भी बांधते हैं और आठ भी बांधते हैं। सात बांधते हुए आयु-कर्म को छोड़ कर शेष सात कर्म-प्रकृतियां बांधते हैं। आठ बांधते हुए प्रतिपूर्ण आठ कर्म-प्रकृतियां बांधते हैं। १० प्रश्न-पजत्तसुहुमपुढविकाइया णं भंते ! कइ कम्म० १ . १० उत्तर-एवं चेव, एवं सव्वे जाव भावार्थ-१० प्रश्न-हे भगवन् ! पर्याप्त सूक्ष्म पृथ्वीकायिक जीव कितनी कर्म-प्रकृतियां बांधते हैं ? : Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004092
Book TitleBhagvati Sutra Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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