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________________ ३६४४ भगवती सूत्र - श. ३१ उ. १ क्षुद्रयुग्म ६ उत्तर - उववाओ जहा वक्कंतीए । भावार्थ - ६ प्रश्न - हे भगवन् ! क्षुद्रत्रयोज राशि प्रमाण नैरयिक कहाँ से आ कर उत्पन्न होते हैं० ? ६ उत्तर - हे गौतम! प्रज्ञापना सूत्र के छठे व्युत्क्रान्ति पद के अनुसार उपपात जानना चाहिये । ७ प्रश्न - ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं केवइया उबवज्जेति ? ७ उत्तर - गोयमा तिष्णि वा सत्त वा एक्कारस वा पण्णरस वा संखेजा वा असंखेजा वा उववज्जंति । सेसं जहा कडजुम्मस्स, एवं जाव असत्तमाए । भावार्थ - ७ प्रश्न - हे भगवन् ! वे जीव एक समय में कितने उत्पन्न होते हैं ? ७ उत्तर - हे गौतम! तीन, सात, ग्यारह, पन्द्रह, संख्यात या असंख्यात उत्पन्न होते हैं। शेष सभी कृतयुग्म नैरयिक के समान यावत् अधः सप्तम पृथ्वी पर्यन्त । ८ प्रश्न - खुड्डागदावर जुम्मणेरइया णं भंते! कओ उववज्जंति ? ८ उत्तर - एवं जहेव खुड्डाकडजुम्मे । णवरं परिमाणं दो वा छ . वा दस वा चोदस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा, सेसं तं चैव जाव असत्तमाए । भावार्थ-८ प्रश्न हे भगवन् ! क्षुद्रद्वापरयुग्म राशि प्रमाण नैरयिक कहाँ से आकर उत्पन्न होते हैं ? ८ उत्तर - हे गौतम! क्षुद्रकृतयुग्म राशि के अनुसार । परिमाण दो, Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004092
Book TitleBhagvati Sutra Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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