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________________ ३६३४ भगवती सूत्र-श. ३० उ. २ अनन्तरोपपत्रक क्रियावादी. वही जानना चाहिये। ___ ३ प्रश्न-किरियावाई णं भंते ! अणंतरोववण्णगाणेरइया कि णेरइयाउयं पकरेंति-पुच्छा। __ ३ उत्तर-गोयमा ! णो णेरड्याउयं पकरेंति, णो तिरि०, णो मणु०, णो देवाउयं पकरेंति । एवं अकिरियावाई वि अण्णाणियवाई वि वेणइयवाई वि। भावार्थ-३ प्रश्न-हे भगवन् ! क्रियावादी अनन्तरोपपन्नक नैरयिक, नैरयिक का आयु बांधते हैं. ? ३ उत्तर-हे गौतम ! नयिक, तियंच, मनुष्य और देव का आयु नहीं बांधते । इसी प्रकार अक्रियावादी, अज्ञानवादी और विनयवादी भी। ४ प्रश्न-सलेस्सा णं भंते ! किरियावाई अणंतरोक्वण्णगा गेरइया किं णेरड्याउयं-पुच्छा। ४ उत्तर-गोयमा ! णो गेरइयाउयं पकरेंति जाव णो देवाउयं पकरेंति । एवं जाव वेमाणिया। एवं सब्वट्ठाणेसु वि अणंतरोववण्णंगा रइया ण किंचि वि आउयं पकरोति जाव अणागारोवउत्तत्ति । एवं जाव वेमाणिया, णवरं जं जस्स अस्थि तं तस्स भाणियव्वं । भावार्थ-४ प्रश्न हे भगवन् ! सलेशी अनन्तरोपपन्नक क्रियावादी नैरयिक, नेरयिक का आयु बांधते हैं ? '४ उत्तर-हे गौतम ! नरयिक यावत् देव किसी का आयु नहीं बांधते । Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004092
Book TitleBhagvati Sutra Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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