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भगवती मूत्र-श ३० उ. १ ममवगरण
३३ उत्तर-गोयमा ! भवसिद्धिया वि, अभवसिद्धिया वि । एवं अण्णाणियवाई वि, वेणइयवाई वि जहा सलेस्सा। एवं जाव सुक्कलेस्सा।
भावार्थ-३३ प्रश्न-हे भगवन् ! सलेशी अक्रियावादी जीव, भवसिद्धिक है. ?
__३३ उत्तर-हे गौतम ! भवसिद्धिक भी हैं, और अभवसिद्धिक भी। इसी प्रकार अज्ञानवादी और विनयवादी भी । सलेशी के समान कृष्णलेशी यावत् शुक्ललेशी पर्यन्त।
. ३४ प्रश्न-अलेस्सा णं भंते ! जीवा किरियावाई किं भवपुच्छा । .
.. ___ ३४ उत्तर-गोयमा ! भवसिद्धिया, णो अभवसिद्धिया। एवं एएणं अभिलावेणं कण्हपक्खिया तिसु वि. समोसरणेसु भयणाए । सुकपक्खिया चउसु वि समोसरणेसु भवसिद्धिया, णो अभवसिद्धिया । सम्मदिट्ठी जहा अलेस्सा । मिच्छादिट्ठी जहा कण्हपक्खिया । सम्मामिच्छादिट्ठी दोसु वि समोसरणेसु जहा अलेस्सा । णाणी जाव केवल. णाणी भवसिद्धिया, णो अभवसिद्धिया । अण्णाणी जाव विभंगणाणी जहा कण्हपक्खिया। सण्णासु चउसु वि जहा सलेस्सा । णो सण्णोवउत्ता जहा सम्मदिट्ठी । सवेयगा,जाव णपुंसगवेयगा जहा सलेस्सा अवेयगा जहा सम्मदिट्ठी। सकसायी जाव लोभकसायी जहा सलेस्सा। अकसायी जहा सम्मदिट्ठी। सजोगी जाव कायजोगी जहा सलेस्सा। अजोगी जहा सम्मदिट्ठी। सागारोवउत्ता अणागारोवउत्ता जहा
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