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________________ भगवती सूत्र-श. ३० उ. १ समवसरण ३६.९ २ उत्तर-गोयमा ! जीवा किरियावाई वि, अकिरियावाई वि, अण्णाणियवाई वि, वेणइयवाई वि । ___ भावार्थ-२ प्रश्न-हे भगवन् ! जीव क्रियावादी है, अक्रियावादी है, अज्ञानवादी है या विनयवादी है ? २ उत्तर-हे गौतम ! जीव क्रियावादी भी है, अक्रियावादी, अज्ञानवादी और विनयवादी भी है। ३ प्रश्न-सलेस्सा णं भंते ! जीवा किं किरियावाई-पुच्छा । ३ उत्तर-गोयमा ! किरियावाई वि, अकिरियावाई वि, अण्णा. णियवाई वि, वेणइयवाई वि । एवं जाव सुक्कलेस्सा । भावार्थ-३ प्रश्न-हे भगवन् ! सलेशी जीव क्रियावादी है. ? ३ उत्तर-हे गौतम ! क्रियावादी भी है, अक्रियावादी, अज्ञानवादी और विनयवादी भी है । इसी प्रकार यावत् शुक्ललेश्या पर्यन्त । .४ प्रश्न-अलेस्सा णं भंते ! जीवा-पुन्छा । ४ उत्तर-गोयमा ! किरियावाई, णो अकिरियावाई, णो अण्णाणियवाई, णो वेणइयवाई। भावार्थ -४ प्रश्न-हे भगवन् ! अलेशी जीव क्रियावादी है. ? ४ उत्तर-हे गौतम ! अलेशी जीव क्रियावादी है, अक्रियावादी, अज्ञानवादी और विनयवादी नहीं है। ५ प्रश्न-कण्हपक्खिया णं भंते ! जीवा किं किरियावाई-पुच्छा। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004092
Book TitleBhagvati Sutra Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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