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भगवती सूत्र-स. २६ उ. ९ परम्पर पर्याप्तक वन्धक
विवेचन-पर्याप्तकत्व के प्रथम समयवर्ती को अनन्तर पर्याप्तक कहते हैं । ॥ छब्बीसवें शतक का आठवाँ उद्देशक सम्पूर्ण ॥
शतक २६ उद्देशक ९
परम्पर पर्याप्तक बंधक
Mam१ प्रश्न परंपरपजत्तए णं भंते ! णेरइए पावं कम्मं किं बंधीपुच्छा । ___ १ उत्तर-गोयमा ! एवं जहेव परंपरोक्वण्णएहिं उद्देसो तहेव गिरवसेसो भाणियो। । 'सेवं भंते ! सेवं भंते !' त्ति जाव विहरह
॥ छवीसइमे बंधिसए णवमो उद्देसो समत्तो ॥
भावार्थ-१ प्रश्न-हे भगवन् ! परम्पर पर्याप्तक नरयिक ने पाप-कर्म बांधा था० ?
१ उत्तर-हे गौतम ! परम्परोपपन्नक के समान परम्पर पर्याप्तक उद्देशक भी कहना चाहिये।
॥ छब्बीसवें शतक का नोवाँ उद्देशक सम्पूर्ण ॥
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