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________________ भगवती सूत्र - श. २५ उ. ४ पुद्गल और युग्म ७८ उत्तर - हे गौतम! ओघादेश मे कृतयुग्म प्रदेशावगाढ़ हैं, त्र्योज, द्वापरयुग्म और कल्योज प्रदेशावगाढ़ नहीं । विधानादेश से कृतयुग्म प्रदेशावगाढ़ यावत् कल्योज प्रदेशावगाढ़ भी हैं। इस प्रकार यावत् अनन्त प्रदेशी स्कन्ध तक । ३३०६ ७९ प्रश्न - परमाणुपोग्गले णं भंते ! किं कडजुम्मसमर्याट्टईएपुच्छा । ७९ उत्तर - गोयमा ! सिय कडजुम्मसमयट्टिईए जाव सिय कलिओगसमय ट्टिए | एवं जाव अनंतपएसिए । भावार्थ - ७९ प्रश्न - हे भगवन् ! परमाणु-पुद्गल कृतयुग्म समय की स्थिति वाला है ० ? ७९ उत्तर - हे गौतम! कदाचित् कृतयुग्म समय की स्थिति यावत् कदाचित् कल्योज समय की स्थिति वाला होता है। इस प्रकार यावत् अनन्त प्रदेशी स्कन्ध तक । ८० प्रश्न - परमाणुपोग्गला णं भंते ! किं कडजुम्म० - पुच्छा । ८० उत्तर - गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मसमय ट्टिईया जाव सिय कलिओगसमय ट्टिईया ४ । विहाणादेसेणं कडजुम्मसमयट्टिईया वि जाव कलिओगसमय दिईया वि । एवं जाव अनंतपरसिया | भावार्थ - ८० प्रश्न - हे भगवन् ! परमाणु-पुद्गल (बहुत) कृतयुग्म समय की स्थिति वाले हैं ० ? ८० उत्तर - हे गौतम! ओघादेश से कदाचित् कृतयुग्म समय की स्थिति Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004092
Book TitleBhagvati Sutra Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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