SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 80
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भगवती सूत्र-श. १८ उ. ६ निश्चय-व्यवहार से गुड़ आदि का वर्ण २७०९ अंबा अंविलिया, महुरे खण्डे, कक्खडे वहरे, मउए णवणीए, गरूए अए, लहुए उलुयपत्ते, सीए हिमे, उसिणे अगणिकाए, णिधे तेल्ले । ४ प्रश्न-चरिया णं भंते !-पुच्छा । ४ उत्तर-गोयमा ! एत्थ दो णया भवंति, तं जहा-णिच्छइयणए य वावहारियणए य, वावहारियणयस्स लुक्खा छारिया, णेच्छइयणयस्स पंचवण्णा० जाव अट्ठफासा पण्णत्ता । ___ कठिन शब्दार्थ-फाणियगुले-गीला गुड़, णिच्छइयणए-निश्चय नय, वावहारियणएव्यावहारिक नय, सुयपिच्छे-तोते की पांख, छारिया-राख । .. भावार्थ-१ प्रश्न-हे भगवन् ! फाणित (गीला) गुड़ कितने वर्ण, कितने गन्ध, कितने रस और कितने स्पर्श वाला कहा गया है ? १ उत्तर-हे गौतम ! इस संबंध में नय (अपेक्षा) दो है । यथा-नैश्च. यिक नय और व्यावहारिक नय । व्यावहारिक नय की अपेक्षा फाणित-गड़ मधुर रस वाला कहा गया है और नैश्चयिक नय की अपेक्षा पांच वर्ण, दो गन्ध, पांच रस और आठ स्पर्श वाला कहा गया है। . २ प्रश्न-हे भगवन् ! भ्रमर कितने वर्ण वाला है, इत्यादि प्रश्न ? २ उत्तर-हे गौतम ! व्यावहारिकनय से भ्रमर काला है और नैश्चयिक नय से भ्रमर पांच वर्ण, दो गन्ध, पांच रस और आठ स्पर्श वाला है। - ३ प्रश्न-हे भगवन् ! तोते के पंख कितने वर्ण वाले हैं, इत्यादि प्रश्न ? .. ३ उत्तर-हे गौतम ! व्यावहारिक नय से तोते के पंख हरे हैं और नैश्चयिक नय से पांच वर्ण वाले इत्यादि पूर्वोक्त रूप से जानना चाहिये । इस प्रकार इस अभिलाप द्वारा मजीठ लाल है, हल्दी पोली है, शंख श्वेत है, कुष्ठ (पटवास-कपड़े में सुगन्ध देने की पती) सुगन्धित है, मुर्दा (मृतक शरीर) दुर्गन्धित है, नीम (निम्ब) तिक्त (कड़वा) है, झूठ कटुय (तीखा) है, कविठ कर्षला है, इमली Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004091
Book TitleBhagvati Sutra Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages566
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy