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भगवती सूत्र-श. २४ उ. २४ वैमानिक देवों का उपपात
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१७ उत्तर-मणुस्माणं जहेव सकरप्पभाए उववजमाणाणं तहेव णव वि गभा भाणियव्वा। णवरं सणंकुमारढ़िई संवेहं च जाणेजा ९।
भावार्थ-१७ प्रश्न-यदि सनत्कुमार देव, मनुष्य से आ कर उत्पन्न हो, तो?
१७ उत्तर-शर्कराप्रभा में उत्पन्न होने वाले मनुष्य के समान नौ गमक जानना चाहिये, किन्तु सनत्कुमार की स्थिति और संवेध उससे भिन्न जानना चाहिये १ से ९ ।
१८ प्रश्न-माहिंदगदेवा णं भंते ! कओहिंतो उववज्जति ?
१८ उत्तर-जहा सणंकुमारगदेवाणं वत्तव्वया तहा माहिंदगदेवाण वि भाणियव्वा 1 णवरं माहिंदगदेवाणं ठिई साइरेगा भाणियव्वा सच्चेव । एवं बंभलोगदेवाण वि वत्तव्वया। णवरं बंभलोगट्टिई संवेहं च जाणेजा । एवं जाव सहस्मारो । णवरं ठिई संवेहं च जाणेजा लंतगादीणं जहण्णकालटिईयस्स तिरिक्ख जोणियस्स तिसु वि गमएसु छप्पि लेस्साओ कायवाओ । संघयणाई बंभलोग-लंतएसु पंच आदिल्लगाणि, महासुक्कसहस्सारेसु चत्तारि । तिरिक्खजोणियाण वि मणुस्साण वि, सेसं तं चेव ९।
भावार्थ-१८ प्रश्न-हे भगवन् ! माहेन्द्र देव कहां से आ कर उत्पन्न होते हैं ? . १८ उत्तर-हे गौतम ! जिस प्रकार सनत्कुमार देव को वक्तव्यता कही. उसी प्रकार माहेन्द्र देव की भी जाननी चाहिये, किन्तु माहेन्द्र देव की स्थिति, सनत्कुमार देव से सातिरेक जाननी चाहिये । इसी प्रकार ब्रह्मलोक के देव की वक्तव्यता है । स्थिति और संवेध ब्रह्मलोक का जानना चाहिये । इसी प्रकार यावत् सहस्रार देवलोक पर्यन्त । स्थिति और संवेध अपना-अपनाजानना चाहिये।
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