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भगवती सूत्र-श. २४ उ. १७ बेइन्द्रिय जीवों की उत्पत्ति
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कारण ही उनमें भवादेश से उत्कृष्ट अनन्त भव और कालादेश से अनन्त काल है । शेष पाँच गमकों में उत्कृष्ट स्थिति होने से भवादेश से उत्कृष्ट आठ भव और कालादेश से उत्कृष्ट ८०००० वर्ष होते हैं। सर्व गमकों में जघन्य और उत्कृष्ट स्थिति प्रतीत ही है अर्थात् जघन्य स्थिति अन्तर्मुहूर्त और उत्कृष्ट १०००० वर्ष है । संवेध-तीसरे और सातवें गमक में जघन्य अन्तर्मुहूर्त अधिक दस हजार वर्ष और उत्कृष्ट आठ भव की अपेक्षा ८०.०० वर्ष है । छठे और आठवें गमक में जघन्य अन्तर्मुहुर्त अधिक १०००० वर्ष और उत्कृष्ट चार अन्तर्मुहूर्त अधिक ४०००० वर्ष है । नौवें गमक में जवन्य २०००० वर्ष और उत्कृष्ट ८०००० वर्ष होता है।
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॥ चौबीसवें शतक का सोलहवां उद्देशक सम्पूर्ण ॥
शतक २४ उद्देशक १७
बेइन्द्रिय जीवों की उत्पत्ति
१ प्रश्न-बेइंदिया णं भंते ! कओहिंतो उववनंति ? जाव पुढवि. काइए णं भंते ! जे भविए बेइंदिएसु उववज्जित्तए से णं भंते ! केवइ०?
१ उत्तर-सञ्चैव पुढविकाइयस्स लद्धी जाव भवादेसेनं जह- . ण्णेणं दो भवग्गहणाई उकोसेणं संखेबाई भवग्गहणाई, काला. देसेणं जहण्णेणं दो अंतोमुहुत्ता, उकोसेणं संखेज कालं-एवइयं० । एवं तेसु चेव चउसु गमएसु संवेहो, सेसेसु पंचसु तहेव अट्ठ भवा ।
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