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शतक २४ उद्देशक १२
पृथ्वीकायिक जीवों की उत्पत्ति
१ प्रश्न - पुढविकाइया णं भंते ! कओहिंतो उववज्जंति, किं रइएहिंतो उववज्जंति, तिरिक्ख०, मणुस्से०, देवेहिंतो उववज्जंति ? १ उत्तर - गोयमा ! णो णेरइएहिंतो उववजंति, तिरि०, मणु, देवेहिंतो वि उववजंति |
भावार्थ - १ प्रश्न - हे भगवन् ! पृथ्वीकायिक जीव कहां से आ कर उत्पन्न होते हैं ? क्या नैरयिक, तिर्यंच, मनुष्य या देव से आते हैं ?
१ उत्तर - हे गौतम ! वे नैरयिक से नहीं आते, किंतु तिर्यंच, मनुष्य और देव से आते हैं ।
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२ प्रश्न - जड़ तिरिक्खजोणिएहिंतो ० किं एगिंदियतिरिक्खजोणिए० १
२ उत्तर - एवं जहा वक्कंतीए उववाओ जावप्रश्न- जड़ वायरपुढविकाइयए गिंदियतिरिक्ख जोणिए हिंतो उववज्रंति किं पज्जत्तबादर० जाव उववज्जंति, अपजत्तबादरपुढवि० १ उत्तर - गोयमा ! पज्जत्तबादरपुढवि०, अपजत्तवादरपुढवि० जाव उववजंति ।
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