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________________ ३०२४ भगवती सूत्र-श. २४ उ. १ मनुष्यों का नरकोपपात उववज्जंति, असण्णिमणुस्सेहिंतो उववज्जति ? ८७ उत्तर-गोयमा ! सण्णिमणुस्सेहिंतो उववज्जति, णो असण्णीमणुस्सेहिंतो उववज्जति । ____ . भावार्थ-८७ प्रश्न-हे भगवन् ! यदि वह नैरयिक, मनुष्यों से आता है, तो संज्ञी मनुष्यों से आता है या असंज्ञी मनुष्यों से ? ८७ उत्तर-हे गौतम ! वह संज्ञी मनुष्यों से आता है, असंज्ञी मनुष्यों से नहीं। ८८ प्रश्न-जइ सण्णिमणुस्सेहिंतो उववज्जति किं संखेजवासाउयसण्णिमणुस्सेहिंतो उववज्जंति, असंखेज जाव उववज्जति ? ८८ उत्तर-गोयमा ! संखेजवासाउयसण्णिमणुस्सेहिंतो उववज्जति, णो असंखेजवासाउय० जाव उववज्जति । ___ भावार्थ-८८ प्रश्न-हे भगवन् ! यदि वह संज्ञौ मनुष्यों से आता है, तो संख्यात वर्ष की आयुष्य वाले संज्ञी मनुष्यों से आता है या असंख्यात वर्ष की आयुष्य वाले संज्ञो मनुष्यों से ? ८८ उत्तर-हे गौतम ! वह संख्यात वर्ष की आयुष्य वाले संज्ञी मनुष्यों से आता है, असंख्यात वर्ष की आयुष्य वाले संज्ञो मनुष्यों से नहीं। ८९ प्रश्न-जइ संखेजवासाउय० जाव उववज्जति किं पजत्तसंखेजवासाउय०, अपजत्तसंखेन्जवासाउय० ? ८९ उत्तर-गोयमा ! पजत्तसंखेजवासाउय०, णो अपजत्तसंखेजवासाउय० जाव उववज्जति । Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004091
Book TitleBhagvati Sutra Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages566
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
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