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________________ भगवती सूत्र - श. २४ उ. १ नैरयिकादि का उपपातादि भावार्थ - १९ प्रश्न - हे भगवन् ! उन जीवों के इन्द्रियां कितनी हैं ? १९ उत्तर - हे गौतम ! उनके पांच इन्द्रियां हैं। यथा-श्रोत्रेन्द्रिय, चक्षुरिन्द्रिय, यावत् स्पर्शनेन्द्रिय । २९८६ २० प्रश्न - तेसि णं भंते ! जीवाणं कह समुग्धाया पण्णत्ता ? २० उत्तर - गोयमा ! तओ समुग्धाया पण्णत्ता, तं जहावेणासमुग्धाए, कसायसमुग्धाए, मारणंतियसमुग्धाए १४ । भावार्थ - २० प्रश्न - हे भगवन् ! उन जीवों के समुद्घात कितनी हैं ? २० उत्तर - हे गौतम! उनके तीन समुद्घात हैं । यथा-वेदनासमुद्घात, कषायसमुद्घात और मारणान्तिकसमुद्घात । २१ प्रश्न - ते णं भंते! जीवा किं सायावेयगा असायावेयगा ? २१ उत्तर - गोयमा ! सायावेयगा वि, असा यावेयगा वि १५ । भावार्थ - २१ प्रश्न - हे भगवन् ! वे जीव साता-वेदक हैं, या असातावेदक ? २१ उत्तर - हे गौतम! वे साता-वेदक भी हैं और असातावेदक भी हैं । २२ प्रश्न - ते णं भंते ! जीवा किं इत्थीवेयगा, पुरिसवेयगा, पुंगवेयगा ? २२ उत्तर - गोयमा ! णो इत्थीवेयगा, णो पुरिसवेयगा, णपुंसगबेयगा १६ । भावार्थ - २२ प्रश्न - हे भगवन् ! वे जीव स्त्री-वेदक हैं, पुरुष-बेदक हैं, या नपुंसक वेदक हैं ? Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004091
Book TitleBhagvati Sutra Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages566
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
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