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________________ भगवती सूत्र-श. २४ उ. १ नरयिकादि का उपपातादि २९८५ भावार्थ-१६ प्रश्न-हे भगवन ! वे जीव साकारोपयोग वाले हैं या अनाकारोपयोग युक्त ? १६ उत्तर-हे गौतम ! वे साकारोपयोगः युक्त भी है और अनाकारोपयोग युक्त भी। . १७ प्रश्न-तेसि णं भंते ! जीवाणं कइ सण्णाओ पण्णताओ ? १७ उत्तर-गोयमा ! चत्तारि सण्णा पण्णत्ता, तं जहा-आहारसण्णा, भयसण्णा, मेहुणसण्णा, परिग्गहसण्णा ११ । भावार्थ-१७ प्रश्न-हे भगवन् ! उन जीवों के संज्ञाएँ कितनी हैं ? १७ उत्तर-हे गौतम ! उनके चार संज्ञाएँ हैं। यथा-आहारसज्ञा, भयसंज्ञा, मैथुनसंज्ञा और परिग्रहसंज्ञा । १८ प्रश्न-तेसि णं भंते ! जीवाणं कइ कसाया पण्णता ? १८ उत्तर-गोयमा ! चत्तारि कसाया पण्णत्ता, तं जहा-कोहकसाए, माणकसाए, मायाकसाए, लोभकसाए १२ । भावार्थ-१८ प्रश्न-हे भगवन् ! उन जीवों के कषाय कितनी हैं ? । १४ उत्तर-हे गौतम ! उनके कषाय चारों हैं। यथा-क्रोधकषाय, मानकषाय, मायाकषाय और लोभकषाय । १९ प्रश्न-तेसिणं भंते ! जीवाणं कइ इंदिया पण्णता ? १९ उत्तर-गोयमा ! पंचिंदिया पण्णत्ता, तं जहा-सोइंदिए, चक्खिदिए जाव फासिंदिए १३ । Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004091
Book TitleBhagvati Sutra Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages566
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
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