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भगवती सूत्र-श. २४ उ. १ नरयिकादि का उपपातादि
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भावार्थ-१६ प्रश्न-हे भगवन ! वे जीव साकारोपयोग वाले हैं या अनाकारोपयोग युक्त ?
१६ उत्तर-हे गौतम ! वे साकारोपयोगः युक्त भी है और अनाकारोपयोग युक्त भी।
. १७ प्रश्न-तेसि णं भंते ! जीवाणं कइ सण्णाओ पण्णताओ ?
१७ उत्तर-गोयमा ! चत्तारि सण्णा पण्णत्ता, तं जहा-आहारसण्णा, भयसण्णा, मेहुणसण्णा, परिग्गहसण्णा ११ ।
भावार्थ-१७ प्रश्न-हे भगवन् ! उन जीवों के संज्ञाएँ कितनी हैं ?
१७ उत्तर-हे गौतम ! उनके चार संज्ञाएँ हैं। यथा-आहारसज्ञा, भयसंज्ञा, मैथुनसंज्ञा और परिग्रहसंज्ञा ।
१८ प्रश्न-तेसि णं भंते ! जीवाणं कइ कसाया पण्णता ?
१८ उत्तर-गोयमा ! चत्तारि कसाया पण्णत्ता, तं जहा-कोहकसाए, माणकसाए, मायाकसाए, लोभकसाए १२ ।
भावार्थ-१८ प्रश्न-हे भगवन् ! उन जीवों के कषाय कितनी हैं ? ।
१४ उत्तर-हे गौतम ! उनके कषाय चारों हैं। यथा-क्रोधकषाय, मानकषाय, मायाकषाय और लोभकषाय ।
१९ प्रश्न-तेसिणं भंते ! जीवाणं कइ इंदिया पण्णता ?
१९ उत्तर-गोयमा ! पंचिंदिया पण्णत्ता, तं जहा-सोइंदिए, चक्खिदिए जाव फासिंदिए १३ ।
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