SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 324
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भगवती सूत्र-स. २१ वर्ग ६ उ. १-१० मेडिय आदि के मल की उत्पत्ति २९५३ कठिन शब्दार्थ --उल-इक्षु-गन्ना। . भावार्थ-१ प्रश्न-हे भगवन् ! इक्षु, इक्षु-वाटिका, वीरण, इक्कड़, भमास, संठ, शर, वेत्र (बँत), तिमिर, सतपोरग और नल, इन सब वनस्पतियों के मूल में, जो जीव उत्पन्न होते हैं, वे कहां से आते हैं ? १ उत्तर-हे गौतम ! जिस प्रकार चौथा वंश-वर्ग कहा, उसी प्रकार यहां भी मूलादि दस उद्देशक कहने चाहिये । विशेष यह है कि स्कन्धोद्देशक में देव भी उत्पन्न होते है और उनके चार लेश्या होती हैं । शेष पूर्ववत् । ॥ इक्कीसवें शतक का पांचवां वर्ग सम्पूर्ण ॥ सतक २१ वर्ग उद्देशक १-१० सेडिय आदि के मूल की उत्पत्ति १ प्रश्न-अह भंते ! सेडिय भंडिय-दब्भ-कोतिय दम्भकुस-+ धवगपोइद-ताल अज्जुण आसाढग-रोहिय-समु-अवखीर भुस-एरंड-कुरुकुंद + यहां प्रतियों में पाठ-भेद है। इसो विषय का पाठ प्रज्ञापना पद १ में इस प्रकार है 'संडिय-भंतिय-हो (कों) त्तिय, दन्भ-कुसे पन्वए य पोडइला । अज्जण-असाढए होहियंसे सुयवेय-खीरभुसे । एरंडे कुरुविदे करजर सुंठे सहा विभंगू य । . महुरत्तण छुरय सिप्पिय । बोद्धव्वे संकलितणे य।' Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004091
Book TitleBhagvati Sutra Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages566
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy