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________________ २८८६ भगवती सूत्र-ग. २० उ. ५ द्रव्य-क्षेत्र-काल-भाव परमाणु संयोगी १२८, षट्संयोगी ३८४, सप्तसंयोगो ५१२ और अष्टसंयोगी २५६, ये कुल मिला कर १२९६ भंग होते है । एक परमाणु से ले कर सूक्ष्म अनन्तप्रदेशी-स्कन्ध तक स्पश के ३९८ भंग होते हैं और बादर अनन्तप्रदेशी-स्कन्ध के १२९६ भंग होते हैं। परमाणु मे ले कर बादर अनन्तप्रदेशी-स्कन्ध तक वर्ण, गन्ध, रस और स्पर्श के ६४७० भंग होते हैं, जो पहले गिना दिये गये हैं। द्रव्य-क्षेत्र-काल-भाव परमाणु .. १२ प्रश्न-कइविहे णं भंते ! परमाणू पण्णत्ते ? १२ उत्तर-गोयमा ! चउविहे परमाणू पण्णत्ते, तं जहा-१ दव्व परमाणू, २ खेत्तपरमाणू, ३ कालपरमाणू, ४ भावपरमाणू । १३ प्रश्न-दव्वपरमाणू णं भंते ! कहविहे पण्णत्ते ? १३ उत्तर-गोयमा ! चरविहे पण्णत्ते, तं जहा-१ अच्छेज्जे, २ अभेज्जे, ३ अडझे, ४ अगेज्झे । १४ प्रश्न-खेत्तपरमाणू णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? १४ उत्तर-गोयमा ! चउविहे पण्णत्ते, तं जहा-१ अणद्धे, २ अमज्झे, ३ अपएसे, ४ अविभाइमे। १५ प्रश्न-कालपरमाणू-पुन्छ । १५ उत्तर-गोयमा ! चउविहे पण्णत्ते, तं जहा-१ अवणे, २ अगंधे, ३ अरसे, ४ अफासे । १६ प्रश्न-भावपरमाणू णं भंते ! कइविहे पण्णते ? Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004091
Book TitleBhagvati Sutra Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages566
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
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