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भगवती सूत्र-ग. २० उ. ५ द्रव्य-क्षेत्र-काल-भाव परमाणु
संयोगी १२८, षट्संयोगी ३८४, सप्तसंयोगो ५१२ और अष्टसंयोगी २५६, ये कुल मिला कर १२९६ भंग होते है । एक परमाणु से ले कर सूक्ष्म अनन्तप्रदेशी-स्कन्ध तक स्पश के ३९८ भंग होते हैं और बादर अनन्तप्रदेशी-स्कन्ध के १२९६ भंग होते हैं।
परमाणु मे ले कर बादर अनन्तप्रदेशी-स्कन्ध तक वर्ण, गन्ध, रस और स्पर्श के ६४७० भंग होते हैं, जो पहले गिना दिये गये हैं।
द्रव्य-क्षेत्र-काल-भाव परमाणु
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१२ प्रश्न-कइविहे णं भंते ! परमाणू पण्णत्ते ?
१२ उत्तर-गोयमा ! चउविहे परमाणू पण्णत्ते, तं जहा-१ दव्व परमाणू, २ खेत्तपरमाणू, ३ कालपरमाणू, ४ भावपरमाणू ।
१३ प्रश्न-दव्वपरमाणू णं भंते ! कहविहे पण्णत्ते ?
१३ उत्तर-गोयमा ! चरविहे पण्णत्ते, तं जहा-१ अच्छेज्जे, २ अभेज्जे, ३ अडझे, ४ अगेज्झे ।
१४ प्रश्न-खेत्तपरमाणू णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ?
१४ उत्तर-गोयमा ! चउविहे पण्णत्ते, तं जहा-१ अणद्धे, २ अमज्झे, ३ अपएसे, ४ अविभाइमे।
१५ प्रश्न-कालपरमाणू-पुन्छ ।
१५ उत्तर-गोयमा ! चउविहे पण्णत्ते, तं जहा-१ अवणे, २ अगंधे, ३ अरसे, ४ अफासे ।
१६ प्रश्न-भावपरमाणू णं भंते ! कइविहे पण्णते ?
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